गंडई के पास के जगलों मे एक समय शेर बहुत थे और वे पास के गावों में घुसकर जानवरों को मार डालते थे। एक गांव के चरवाहे के बच्चे ने अपने जानवरों की सुरक्षा का ऐसा इंतजाम किया कि शेर के हमले से उनके जानवर सुरक्षित रहे।
मन के ख्याल शब्दों का सहारा हाल ए दिल लेखनी में संवारा
एक पुरानी किनारे को दुकान के सामने माल खुल गया तो उस पुरानी दुकान के मालिक को क्या क्या नुकसान उठाना पड़ा और कैसे वह अपने रोजगार को बचा पाया।
इस काव्य संग्रह में संयोग ,विप्रालम्भ श्रृंगार रस और अन्य नव रसों का शब्दांकन है।
“ 'निराला' काव्य के रूप में शक्ति के पुंज हैं, अडिग आत्म विश्वास से वे ओत-प्रोत हैं, विपरीत विचारधाराओं के तूफानी थपेड़ों के बीच चट्टान की भाँति स्थिर रहने की सामर्थ्य रखते हैं। उनकी अन्त:शक्ति असीम है। उसी के बल पर वे विरोधों के बीच बढ़ते जाते हैं
एक संत रोज एक नाविक के नाव पर बैठकर नदी पर करता था और उसे उतनी देर भगवद गीता का पाठ सुनाया करता था ,
सरल भाषा और ओजपूर्ण भावनाओं के वे अनूठे हिंदी रचनाकार थे। प्रभा और कर्मवीर जैसे प्रतिष्ठत पत्रों के संपादक के रूप में उन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ जोरदार प्रचार किया और नई पीढ़ी का आह्वान किया कि वह गुलामी की जंज़ीरों को तोड़ कर बाहर आए। इसके लिये
सरल भाषा और ओजपूर्ण भावनाओं के वे अनूठे हिंदी रचनाकार थे। प्रभा और कर्मवीर जैसे प्रतिष्ठत पत्रों के संपादक के रूप में उन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ जोरदार प्रचार किया और नई पीढ़ी का आह्वान किया हैं |
शेरो-शायरी और कविताओं से भरपूर ये प्रवचन पंथ की सारी कठिनाई को दूर कर एक नई सुबह की तरह हमें अभिभूत कर लेते हैं। ओशो कहते हैं : 'मैं तो देखता हूं एक नया सूरज, एक नई सुबह, एक नया मनुष्य, एक नई पृथ्वी—वह रोज निखरती आ रही है। अगर हम थोड़े सजग हो जाएं तो
इडियट् निरंजन कुमार 'मुंना' द्वारा रचित एक धारावाहिक उपन्यास है । इस उपन्यास के माध्यम से लेखक आधुनिक परिवेश में जिन्दगी जीते हुए कम उम्र, और पुराने ख्यालतों का समर्थक विक्रम बाबू की कहानी है। इसमें युवाओं की सोच, पश्चिम सस्कृति के असर, भ्रष्ट होता श