पायलट के विश्वस्त विधायक वेद सोलंकी को भी टिकट नहीं दिया जा रहा है। पायलट के एक अन्य खास विधायक खिलाड़ी लाल बैरवा का टिकट काट दिया गया है। दोनों को लेकर सीएम को नाराजगी बताई गई है।कांग्रेस दो सौ में से अब तक 157 सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा की चुकी है।
कांग्रेस आलाकमान ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के तीन विश्वस्तों को टिकट देने से साफ इनकार कर दिया है। कांग्रेस आलाकमान प्रदेश के संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल, जलदाय मंत्री महेश जोशी और राज्य पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौड़ को टिकट देने के पक्ष में नहीं है।
धारीवाल को टिकट दिलाने की कवायद
कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी व राहुल गांधी के निर्देश पर यह संदेश राष्ट्रीय संगठन महामंत्री के.सी. वेणुगोपाल ने सीएम गहलोत तक पहुंचाया है। हालांकि गहलोत अब भी धारीवाल को टिकट दिलवाने को लेकर लाबिंग में जुटे हैं। गहलोत जोशी व राठौड़ को टिकट नहीं देने की बात तो मान गए। धारीवाल गहलोत मंत्रिमंडल में नंबर दो माने जाते हैं। लेकिन राहुल तीनों को ही टिकट देने के पक्ष में नहीं है।
आर.आर. तिवाड़ी पर सहमति
सूत्रों के अनुसार आलाकमान धारीवाल की सीट कोटा उत्तर और जोशी की सीट हवामल से गहलोत के किसी भी पसंद के नेता को टिकट देने के लिए तैयार है। लेकिन इन दोनों को टिकट नहीं देना चाहता है। सूत्रों के अनुसार आलाकमान की मंशा को देखते हुए गहलोत ने जोशी के स्थान पर आर.आर. तिवाड़ी का नाम दिल्ली भेजा है। जिस पर राहुल ने सहमति दे दी है।
पायलट खेमे के भी टिकट कटे
इस बीच पायलट के विश्वस्त विधायक वेद सोलंकी को भी टिकट नहीं दिया जा रहा है। पायलट के एक अन्य खास विधायक खिलाड़ी लाल बैरवा का टिकट काट दिया गया है। दोनों को लेकर सीएम को नाराजगी बताई गई है।कांग्रेस दो सौ में से अब तक 157 सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा की चुकी है। अब 43 सीटों पर प्रत्याशियों के नाम घोषित करना शेष है।
इसलिए नाराज है आलाकमान
पिछले साल 25 सितंबर को कांग्रेस की तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी के निर्देश पर जयपुर में कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई गई थी। इस बैठक में मुख्यमंत्री सहित सभी तरह के निर्णय करने का अधिकार सोनिया को सौंपने का एक पंक्ति का प्रस्ताव पारित होना था। वर्तमान अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और तत्कालीन प्रदेश प्रभारी अजय माकन पर्यवेक्षक के रूप में जयपुर पहुंचे थे। आलाकमान की सीएम बदलने की मंशा को देखते हुए गहलोत के विश्वस्त धारीवाल, जोशी व राठौड़ ने कांग्रेस विधायकों की अपने स्तर पर बैठक बुलाई। उन्होंने विधायकों को विधायक दल की बैठक में शामिल होने के लिए नहीं जाने दिया।
तीनों नेता विधायकों को विधानसभा अध्यक्ष सी.पी. जोशी के आवास पर लेकर गए और वहां एक कागज पर हस्ताक्षर करवाकर उनसे इस्तीफे दिलवा दिए। विधायकों के नहीं पहुंचने के कारण विधायक दल की बैठक नहीं हो सकी। इस बात आलाकमान को आंख दिखाना माना गया। सोनिया और राहुल इस बात से नाराज हुए। धारीवाल और राठौड़ ने आपत्तिजनक बयानबाजी भी की थी।
कांग्रेस प्रत्याशी तय करने को लेकर स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष गौरव गोगई को राहुल ने तीनों नेताओं के नाम चुनाव समिति की बैठक में नहीं भेजने के निर्देश दिए थे। हालांकि सीएम ने दबाव बनाकर धरीवाल एवं जोशी का नाम चुनाव समिति तक पहुंचाया। लेकिन टिकट नहीं दिलवा पा रहे हैं। राठौड़ अजमेर सीट से पहली बार चुनाव मैदान में उतरना चाहते हैं।