आज सावन का पहला सोमवार था। सावन माह में सोमवार का विशेष महत्व माना जाता है। माना जाता है सावन माह के हर सोमवार के दिन भगवान भोलेनाथ अपने सूक्ष्म रुप में मंदिर में विराजमान रहते हैं। माना जाता है
इन दिनों हमारे पहाड़ी प्रदेश उत्तराखंड में हरेला पर्व की धूम मची है। यह पर्व हमें प्रकृति से जोड़ता है। हरेला का मतलब हरियाली से है, यानि हरियाली का त्यौहार। ग्रीष्म के बाद वर्षा ऋतु के आगमन से प्
सावन आते ही कभी धूप तो कभी मूसलाधार बारिश से मौसम बड़ा सुहावना हो गया है। झमाझम बरसते बदरा को देख हरे-भरे पेड़-पौधों के बीच छुपी कोयल की मधुर कूक, आसमान से जमीं तक पहुँचती इन्द्रधनुषी सप्तरंगी छटा,
ग्रीष्मकाल आया तो सूरज की तपन से समस्त प्राणी आकुल-व्याकुल हो उठे। खेत-खलियान मुरझाने और फसल कुम्हालाने लगी। घास सूखने और फूलों का सौन्दर्य-सुगंध तिरोहित होने लगा। दुपहरी की तपन से छोटे-बड़े पेड़-
इन दिनों देश के कई हिस्सों में बारिश कहर बनकर टूट रहा है। अभी दो दिन पहले शनिवार को देर रात हमारे भोपाल में भारी बारिश और बादलों की भयानक डरावनी गड़गड़ाहट के साथ कड़कती बिजली की तीखी आवाज ने नींद हराम कर
मेरी एक सहेली अभी दो दिन पूर्व अमरनाथ यात्रा पर निकली है। आज शाम करीब 5.30 बजे जब अमरनाथ में बादल फटने की जानकारी मिली तो तब से बहुत परेशान हूँ। ऑफिस से घर आकर कई बार मोबाइल लगा चुकी हूँ लेकिन लग नहीं
इस सावन में तुम बरस जाना बारिश की बौछार बनकर आ जाना गजलों के शब्द बन कर आ जाना शायरों के किस्से बनकर घुल जाना मेरे गीतों को निखारनें आ जाना शीत ऋतु में ग्रीष्म में बनकर आ जाना कोयल की तुम मधुर वाणी
सावन की झड़ी कुछ ऐसी लगी है सोई सी प्रीत अब दिल में जगी है उमड़ घुमड़ फिर घिर आये बदरा बिजुरिया से ये कर रहे दिल्लगी है हवा भी बही जाये अपनी ही धुन में ये भी क्या किसी के
कल बुधवार को नगर निगम चुनाव का मतदान दिवस था, जिसके लिए शासकीय अवकाश घोषित किया गया था। पिछले तीन-चार दिन तेज बारिश का दौर चल पड़ा था, जिस कारण बुधवार को मतदान के लिए कई जनप्रतिनिधि और उम्मीदवार बड़
सुनो, अकेली ना जाओ नदी के किनारे बड़े तेज होते हैं इसके धारे कहीं पैर फिसल गया तो फिर तुम क्या करोगे ये नदी का पानी तुमसे जलता है तुम्हारी पनीली आ
देखो यह बारिश जमकर कैसे बरस रही है झूम झूम कुछ गुनगुना रही हैं ये बारिश की बूंदे.. 🌦🌦🌦🌦🌦🌦🌦🌦🌦🌦🌦🌦🌦🌦 ये नमीं जैसे पल पल याद दिला रही है किसी की हौले हौले दिल धड़का रही हैं ये बारिश की बूंदे
ऐ बरसात तुझे भी देख लेंगे कभी मेरे आँगन में बरसना तेरी बूंदो से आंखें सेंक लेंगे कभी मेरे आँगन में बरसना .. वक्त का हर दौर बरसात की बूंदे बनकर जैसे बरस रहा है इशारे समझ थोड़ा खेल लेंगे कभी मेरे आँगन
बरसात के दिन आते ही किचन की खुली खिड़की से रह-रहकर बरसती फुहारें बचपन में बिताए सावन की मीठी-मीठी यादें ताज़ी करा देती है। जब सावन आते ही आँगन में नीम के पेड़ पर झूला पड़ जाता था। मोहल्ले भर के बच्
वर्षा ऋतु में वायु का विशेष प्रकोप तथा पित्त का संचय होता है। वर्षा ऋतु में वातावरण के प्रभाव के कारण स्वाभाविक ही जठराग्नि मंद रहती है, जिसके कारण पाचनशक्ति कम हो जाने से अजीर्ण, बुखार, वायुदोष का प्
मेरे अभिमान हैं पापा ... मेरे शान है पापा ...मेरे दिल के हर कोने में ...बसते है मेरे पापा ...मेरे जिंदगी में आए वो बहार है मेरे पापा ...मैं उनके नाम से पहचानी जाती हूँ ...उनका सपना है कि वो मेरे नाम स
रात के बाद फिर रात हुई... ना बादल गरजे न बरसात हुई.. बंजर भूमि फिर हताश हुई.. शिकायत करती हुई आसमान को.. संवेग के साथ फिर निराश हुई.. कितनी रात बीत गयी.. पर सुबह ना हुई.. कितनी आस टूट गयी.. पर सुबह ना हुई.. ना जला चूल्हा, ना रोटी बनी.. प्यास भी थक कर चुपचाप हुई.. निराशा के धरातल पर ही थी आशा.. की एक
बरसत से नहिन ये हो नाही सकाता गीत: यह कुमार सानू और साधना सरगम द्वारा एक बहुत अच्छा गाया गया गीत है जिसमें नादेम और श्रवण द्वारा अच्छी तरह से तैयार संगीत है। नहिन ये हो नाही सक्ता के गीत सुमेर द्वारा खूबसूरती से लिखा गया है।बरसात (Barsaat )नहीं यह हो नहीं सकता (मेरी जान चली जाए)की लिरिक्स (Lyri
बरसी अदोन पे मार्टा हुन बरसाट से गीत: यह कुमार सानू और अल्का याज्ञिक द्वारा नादेम और श्रवण द्वारा अच्छी तरह से तैयार संगीत के साथ एक बहुत अच्छा गाया गया गीत है। तेरी अडाओन पे मार्टा हुन के गीत सुमेर द्वारा खूबसूरती से लिखे गए हैं।बरसात (Barsaat )तेरी अदाओं पे मरता हूँ की लिरिक्स (Lyrics Of Teri Ad
हस्को सरफ तुम्से प्यार है बरसाट (1 99 5) के गीत: यह बॉबी देओल, ट्विंकल खन्ना, राज बब्बर और मुकेश खन्ना अभिनीत बरसाट से एक प्यारा गीत है। यह कुमार सानू और अल्का याज्ञिक द्वारा गाया जाता है और नादेम और श्रवण द्वारा रचित है।बरसात (Barsaat )हमको सिर्फ तुमसे प्यार है की लिरिक्स (Lyrics Of Humko Sirf Tu