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बरसात

hindi articles, stories and books related to barsat


 1.) एक दफा का जिक्र हैं । किसी दूर दराज के मूल्क में चिल जैसे काले बाल वाला एक बहुत ही खुबसुरत बादशाह रहता था । उस बादशाह के ईमानदारी और दौलत के वजह से उसे बहुत पसंद किया जाता था | लेकिन वो बहुत

लोगो के रिलेशनशिप से ये पता चलता है,कि वो किस तरह के इंसान है । किसी ने ये कहा था —रिश्ते टूटने के वजह ...बड़े झगड़े नहीं होते हैं ।बल्कि ...छोटी - छोटी गलतफहमियां होती हैं , जिनका पता भी नह

कभी - कभी कोई गैर इंसान हमारे साथ कुछ ऐसा कर जाता है . . .जिसकी उम्मीद हम अपने अपनों से भी नहीं किये होते है . . .और कभी - कभी हमारे अपने ही कुछ ऐसा कर जाते हैं . . .जिसकी उम्मीद हम अपने रकिब से भी नह

जंगल में एक गर्भवती हिरनी बच्चे को जन्म देने को थी वो एकांत जगह की तलाश में घूम रही थी कि उसे नदी किनारे ऊँची और घनी घास दिखी।उसे वो उपयुक्त स्थान लगा शिशु को जन्म देने के लिये वहां पहुँचते ही उसे प्र

 " कभी - कभी ऐसा वक्त आता हैं कि हमें कुछ फैसले लेना पड़ते हैं . .जो शायद सामने वाले का दिल तोड़ दे ... जिससे हम प्यार करते हैं . . 

"दो लोगों के बीच छोटी - छोटी गलतफहमियां भी ...एक रिश्ते को खराब कर सकती हैं ,पर वही कमजोरी ... एक मौका देती हैं . . .नये दोस्त बनाने का मौका ... और अपने उसी रिश्ते को ... और मजबूत बनाने का म

उसे इंतेज़ार रहता है उस इक हसीन लम्हे का । वो लम्हा जो शायद जिंदगी के मायनों से मिला दे , जिंदगी का मतलब बता दें या फिर जिंदगी के उन गुत्थियों को सुलझा दे जिनसे मुंह मोड़ लिया है उसने । अपनी ही दुनिया म

अब तक आपने देखा         ये कह प्रतिक्षा अपना नीचे वाला होठ बाहर निकाल कर कमरे में चारों तरफ देखने लगी , तभी उसे याद आया कि आज उसे , कुछ रस्में भी करनी है , जो बाकी है । 

तड़पता है दिल ये मेरा हर पलतुझसे जुदा होने के बाद ...भटकता हूँ मैं दरबदरएक तेरे ना होने के बाद ...तेरे बिना ना रहा मैं एक पल अब कैसे रहूं मैं तेरे बिन उम्र भर ...कांटो सा लगता है यह खामोश कमरा&nb

धोखा ना देनातुझपे ऐतबार बहुत हैये दिल तुम्हारी चाहत कातलबगार बहुत हैतेरी सुरत न देखूँ तोकुछ दिखाई नहीं देती हैहम क्या करें तुझसे प्यार बहुत है।

मेरी आँखे तरस गयी है आपकीएक झलक पाने को .और आप हो कि दूज के चाँद बन गये हो✍🏻 रिया सिंह सिकरवार " अनामिका " ( बिहार )

जिंदगी में कभी - कभी मुस्किलों का दौर ...इस तरह आता है . . .अभी एक से सम्भले भी नहीं होते है . . .  कि दुसरा दस्तक दे देता है ....😔😥🙏🏻#संघर्षरिया सिंह सिकरवार  " अनामिका " ( बिहार )

🌸💮🌷💗🌸💮🌷मुझसे और इस दुनिया से दूर ... तू नहीं जाना ...सब छोड़ जाए मुझे मगर ... तू नहीं छोड़ना ...साथी रे तेरे मेरे प्यार की है ... ये दुनियां दिवानी ...ऐसे ही नहीं हुई मसहूर ...हमारी प्रेम कहानी

इन आंखों👁 में बस गई हो तुम इस कदर 🥰इन ...आंखों में बस गई हो तुम इस कदर के चांद भी देखूँ,,,तो आए चेहरा तेरा नजर तेरे इश्क ने ...मेरा ऐसा हाल कर दिया ..तेरे ... इश्क ने मेरा ऐसा हाल कर

मेरी शेर - वो - शायरी भी तुम हो ... मेरी गजल भी तुम हो ...मेरी कविताओं में शामिल ...हर अल्फाज भी तुम हो ...मेरी कहानी हैं तुमसे ...मेरी कहानी में शामिल भी तुम हो ...✍🏻 रिया सिंह सिकरवार " अनामिक

अंखियों के झरोंखों से ..👁️ तुम्हें सुबह - वो - शाम देखा करू ..मन में यहीं लगन लिएं ..तेरे आगे पिछे घुमा करू ..🖊️ रिया सिंह सिकरवार " अनामिका " ( बिहार )

कभी - कभी तुम मेरे ख्यालों मेंकभी - कभी ...तुम मेरे ख्यालों में ...इस कदर समा जाते हो , कि मेरे होठों पर तनहाई के आलम में भी मुस्कुराहट तैर जाती है ...और उस आलम में आयी तेरी सारी यादेमैं&nbs

साथ कभी ना छोड़नामेरा हाथ थाम लो पियावादा जो है किया उसे हमेशा निभाना पियागर जो हो गई मुझसे कोईभूल से भी भूलउसे भूल समझ कर भूल जानाभूल से भी मुझको भूल ना जाना पियासाथ कभी ना छोड़नामेरा हाथ थाम लो

  अब तक आपने देखा         जहां तक मैंने सुना और देखा भी है , कि न्यू ब्राइडल डरी -सहमी सी रहती है और शरमाती भी हैं , अपने नये घर में , नये लोगों से मिलकर ।   यहां तक

मेरे जींदगी में कुछ खास  नहीं था ,जब तक वो मेरे पास नहीं था ।वो आया मेरे जिंदगी में फरिस्ता बनकर ,और खुद ही मुझे फरिस्ता मान बैठा ॥😘✍🏻 रिया सिंह सिकरवार " अनामिका " ( बिहार )

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