नींद लेना सिर्फ शरीर को आराम देने के लिए ही जरूरी नहीं होता, बल्कि यह बेहतर स्वास्थ्य की कुंजी है। आमतौर पर देखने में आता है कि लोग तनाव या काम के बोझ तले देर रात तक जागते रहते हैं और फिर उसका विपरीत असर उनके स्वास्थ्य पर पड़ता है। वहीं कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो रात को सोते तो हैं, लेकिन फिर भी सुबह उठकर उन्हें ताजगी का अहसास नहीं होता। जिसके कारण उनकी सेहत और काम दोनों ही प्रभावित होती है। अगर आपके साथ भी ऐसा ही कुछ होता है तो अब आपको परेशान होने की आवश्यकता नहीं है। आज हम आपको ऐसे कुछ उपाय बता रहे हैं, जिनकी मदद से आप बेहद आसानी से एक बेहतर नींद पा सकते हैं-
शांत हो दिमाग
रात को ठीक तरह से नींद न आने की एक मुख्य वजह व्यक्ति का तनावग्रस्त होना भी होता है। अमूमन बिस्तर पर जाने के बाद भी व्यक्ति के मन में दिनभर के बचे हुए काम या अगले दिन की तैयारियों को लेकर काफी कुछ चल रहा होता है। जिसके कारण मन-मस्तिष्क के शांत न हो पाने के कारण ठीक से नींद नहीं आती या फिर नींद ही नहीं आती और व्यक्ति देर रात तक करवट बदलता रहता है। इस स्थिति से निपटने के लिए बेहद जरूरी है कि बिस्तर पर जाने के बाद पहले माइंड को रिलैक्स किया जाए। इसके लिए आप सबसे पहले तो काम के बोझ को खुद से दूर करें। साथ ही मूड को बेहतर बनाने के लिए अच्छी किताब पढें या संगीत सुनें। इससे मन को काफी शांति मिलती है। वैसे इसके अतिरिक्त सोने से पहले गर्म दूध पीकर या गुनगुने पानी से नहाकर तन-मन को शांत किया जा सकता है। यह तरीके अपनाने से आप भले ही कम देर सोएं, लेकिन अगली सुबह आप खुद को पूरी तरह उर्जावान महसूस करते हैं।
गैजेट्स को कहें नो
आजकल हर घर में लोग सोने से पहले टीवी देखना पसंद करते हैं या फिर हमेशा अपने बेड के सिरहाने पर मोबाइल व टैब रखते हैं। अगर आप भी ऐसा करते हैं तो समझ लीजिए कि आप खुद ही अपनी नींद और सेहत के दुश्मन है। सोने से कुछ देर पहले तक गैजेट्स से दूरी बना लेनी चाहिए। दरअसल, जब आप टीवी देखते हैं तो समय का पता ही नहीं चलता और देर रात तक टीवी ही देखते जाते हैं, जिससे नींद प्रभावित होती है। वहीं जो लोग फोन को बेड के सिरहाने पर रखते हैं, वह बार-बार और देर रात तक सोशल मीडिया से जुड़े रहते हैं या फिर गेम खेलते रहते हैं। इसलिए बेहतर होगा कि फोन को बिस्तर से कुछ दूरी पर रखा जाए या फिर अगर आप उसे अपने पास रख रहे हैं तो उसे स्विच आॅफ कर दें। एक दिन ऐसा करके देखिए, आपको अपनी नींद में खुद ब खुद फर्क नजर आएगा।
रहें लाइट में
सुनने में शायद अजीब लगे लेकिन दिन के समय ब्राइट लाइट में रहने से रात को नींद काफी अच्छी आती है। दरअसल, व्यक्ति के शरीर में एक प्राकृतिक टाइम कीपींग घड़ी होती है, जिसे सर्केडियन रिदम कहा जाता है। यह आपके मस्तिष्क, शरीर व हार्मोन को प्रभावित करता है। इसके कारण ही आपका मस्तिष्क शरीर को यह संकेत देता है कि कब आपको जागना है और कब आपके सोने का समय है। नेचुरल सनलाइट या ब्राइट लाइट इस सर्केडियन रिदम को हेल्दी बनाए रखने में मदद करता है। जिससे आप दिन में उर्जावान महसूस करते हैं और रात में एक हेल्दी नींद ले पाते हैं। कुछ अध्ययनों से यह भी पता चला है कि जो लोग अनिद्रा या इनसोमनिया से पीड़ित है, वह भी अगर दोपहर में नेचुरल सनलाइट या ब्राइट लाइट के संपर्क में रहते हैं, उनकी भी स्लीप क्वालिटी में सुधार आता है।
खाने का ख्याल
भोजन भी नींद में एक अहम भूमिका निभाता है। कुछ लोग सोने से पहले चाय या काॅफी पीते हैं, लेकिन ऐसा करने से जल्दी नींद नहीं आती क्योंकि इसमें मौजूद कैफीन नींद पर विपरीत असर डालता है। वहीं डिनर भी हैवी नहीं होना चाहिए। अगर सोने से पहले आप तला-भुना या गरिष्ठ भोजन करते हैं तो वह जल्दी पचता नहीं है और लेटते समय व्यक्ति को सीने में जलन, एसिडिटी या अपच आदि की शिकायत होती है, जिससे नींद आने में परेशानी होती है। इसलिए सोने से दो घंटे पहले भोजन करें और डिनर में हमेशा लाइट भोजन ही करें।
अपनाएं अच्छी आदतें
जब तक आप नींद संबंधी अच्छी आदतों को जीवन में शुमार नहीं करते, तब तक हेल्दी व क्वालिटी स्लीप लेना संभव ही नहीं है। उदाहरण के तौर पर, सुबह जल्दी उठने की सलाह दी जाती है लेकिन इसके साथ-साथ यह भी जरूरी है कि आप रात में जल्दी सोएं। इसके अतिरिक्त सोने व उठने का एक समय निश्चित करें और उसी समय पर बेड पर जाएं। शुरूआत में हो सकता है कि उस समय पर आपको नींद न आए लेकिन प्रतिदिन अभ्यास से आप अच्छी स्लीप हैबिट्स खुद में आसानी से डेवलप कर सकते हैं।
व्यायाम भी है जरूरी
व्यायाम करने से व्यक्ति का शरीर को सुचारू रूप से काम करता है ही, साथ ही इसका सकारात्मक असर आपकी नींद पर भी पड़ता है। इसलिए यह बेहद आवश्यक है कि आप प्रतिदिन जल्दी उठें और कुछ देर व्यायाम अवश्य करंे। शुरूआत में ऐसा करना आपके लिए बोरिंग या कठिन हो सकता है लेकिन धीरे-धीरे व्यायाम आपकी आदत बन जाएगा और फिर आपको नींद भी काफी अच्छी आएगी।
लंबी न हो नैपिंग
काम की थकान को उतारने व शरीर को दोबारा उर्जावान बनाने में शाॅर्ट नैपिंग काफी अहम मानी गई है। लेकिन अनियमित या लंबे समय तक दोपहर में की गई नैपिंग रात की नींद पर विपरीत असर डालती है। दरअसल, जब आप दिन में काफी देर तक सोते हैं तो इससे आपके शरीर के भीतर की घड़ी भ्रमित होती है और फिर व्यक्ति को रात में सोने में कठिनाई होती है। इसलिए अगर आप दिन में नैप लेना भी चाहते हैं तो उसका समय निश्चित करें और साथ ही आधा घंटा या उससे कम देर के लिए ही नैपिंग करें।