इस बात में कोई दोराय नहीं है कि विवाह एक प्रेमभरे रिश्ते को मजबूती देता है, लेकिन इसका तात्पर्य यह नहीं है कि महज विवाह कर लेना ही रिश्ते को सुरक्षित रखने का तरीका है। वर्तमान समय में, भारत में तलाक के बढ़ते मामले यह साफतौर पर जाहिर करते हैं कि वैवाहिक रिश्तों को सहेजने के लिए अतिरिक्त प्रयासों की आवश्यकता है। खासतौर पर, शादी के बाद व्यक्ति द्वारा की गई कुछ गलतियां रिश्ते को पूरी तरह तबाह कर देती है। तो चलिए जानते हैं इन्हीं गलतियों के बारे में-
प्यार का इजहार न करना
अक्सर देखने में आता है कि लोग शादी से पहले अपने पार्टनर के सामने किसी न किसी रूप में अपना प्रेम प्रदर्शित करते हैं। फिर चाहे बात अरेंज मैरिज की हो या लव मैरिज की। दोनों ही तरह के रिश्ते के शुरूआती दिनों में दोनों पार्टनर अपना प्रेम खुलकर प्रदर्शित करते हैं। लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता है तो लोगों की सोच में बदलाव आता है। कुछ लोग तो यहां तक मानते हैं कि अब तो शादी हो गई है, अब प्रेम जताने की क्या आवश्यकता। आपकी यही सोच रिश्तों की नींव को कमजोर करती है। इसलिए रिश्ता चाहे जितना भी पुराना हो, आप चाहे जितने भी बिजी हो, अपने पार्टनर को कभी-कभी स्पेशल अवश्य फील करवाएं। इसके लिए बहुत कुछ करने की जरूरत नहीं है। दिन में एक-दो बार आई लव यू बोलना या फिर आफिस जाने से पहले और बाद में जादू की झप्पी भी रिश्तों में प्यार की महक को बरकरार रखती है।
टेकन फाॅर ग्रांटेड
एक बात हमेशा याद रखें कि जब भी हम किसी चीज को टेकन फाॅर ग्रांटेड लेने लगते हैं तो उसके हमसे दूर जाने की संभावना काफी हद तक बढ़ जाती है क्योंकि उस चीज या रिश्ते के प्रति हम लापरवाह हो जाते हैं। यह फार्मूला वैवाहिक रिश्तों पर भी लागू होता है। शादी होने के बाद लोग समझते हैं कि अब उनका पार्टनर एक बंधन में बंध चुका है और इसलिए उसके कहीं दूर जाने की संभावना नहीं है। इस सोच के कारण न सिर्फ वह अपने पार्टनर की खुशियों को दरकिनार करते हैं, बल्कि कई बार अपने पार्टनर का दिल भी दुखाते हैं। इसलिए ऐसा करने से बचें।
कमियां ही कमियां
दुनिया में किसी भी व्यक्ति को अपने सपनों के अनुरूप पार्टनर नहीं मिलता क्योंकि दुनिया में कोई भी व्यक्ति परफेक्ट नहीं हो सकता। हर किसी में कुछ न कुछ खामियां होती है और एक रिश्ता तभी सफल हो सकता है, जब व्यक्ति अपने पार्टनर की खूबियों के साथ-साथ उसकी कमियों को भी खुले दिल से स्वीकारे। लेकिन वास्तव में ऐसा होता नहीं है। जब दो लोग एक बंधन में बंधते हैं तो शुरूआती दौर में, व्यक्ति को अपने पार्टनर की खूबियां ही नजर आती हैं लेकिन शादी का कुछ वक्त बीतने के बाद व्यक्ति अपने पार्टनर की सिर्फ और सिर्फ कमियां ही देखता हैं। इतना ही नहीं, कुछ लोग तो अपने पार्टनर की कमियां दूसरों के सामने गिनाने से भी नहीं चूकते। आपको भले ही इसमें कुछ बुराई नजर नहीं आती हों, लेकिन इससे आपके पार्टनर का दिल काफी दुखता है। कभी-कभी तो वह इतना दुखी होते हैं कि रिश्ते की नींव भी कमजोर होने लगती है, भले ही आपको यह चीज़ नजर न आए।
दिल दुखाती नजरअंदाजी
किसी भी रिश्ते में जुड़ने के बाद कुछ उम्मीदों का जन्म लेना स्वाभाविक है। हर व्यक्ति अपने पार्टनर से कुछ उम्मीदें लगाता है, लेकिन जब वह उम्मीदें पूरी नहीं होती तो निराशा होना स्वाभाविक है। कई बार तो देखने में आता है कि एक पार्टनर दूसरे पार्टनर की उम्मीदें तो क्या उसकी जरूरतों को भी नजरअंदाज करता है। अगर आप भी ऐसा करते हैं तो संभल जाइए। आपकी यह गलती जल्द ही आपके रिश्ते को खत्म कर देगी, क्योंकि कोई भी रिश्ता सिर्फ एक व्यक्ति के प्रयासों पर जीवित नहीं रह सकता। हालांकि दोनों को अपेक्षाएं रखते हुए इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि वह इतनी बड़ी भी न हो कि सामने वाले व्यक्ति के लिए उसे पूरा करना लगभग असंभव हो जाए।
खुलकर बातचीत नहीं
एक परेशानी जो अक्सर देखने में मिलती है, वह है खुलकर बातचीत का अभाव। खासतौर से, एक स्त्री किसी भी तरह की परेशानी होने पर या फिर रिश्ते में असंतुष्टि को खुलकर बयां नहीं करती, जिसके कारण उसके भीतर एक अजीब सी चिड़चिड़ाहट जन्म लेती है और उसका असर रिश्ते पर भी पड़ता है। इसलिए अगर किसी भी तरह की परेशानी या तनाव रिश्ते में उत्पन्न हो तो उस बातों को मन में रखने की बजाय खुलकर बातचीत का रास्ता अपनाएं। एक बात याद रखें कि जब तक आप अपने मन की बात सामने वाले व्यक्ति को नहीं बताते, तब तक दूसरे पार्टनर के लिए उसे समझ पाना बेहद मुश्किल है।
अपने सांचे में ढालना
दो लोग कभी भी एक समान नहीं होते। हर व्यक्ति का स्वभाव, सोचने का तरीका व रहन-सहन अलग होता है। जिसके कारण जब दो लोग एक साथ रहने लगते हैं तो उनके बीच टकराव की स्थिति उत्पन्न होती है। अमूमन दोनों ही पार्टनर एक-दूसरे को अपने सांचे में ढालने का प्रयास करते हैं। उनकी यह कोशिश रिश्ते को कमजोर करती है। इसलिए यह बेहद जरूरी है कि दोनों ही पार्टनर एक-दूसरे की खुशी का ख्याल रखते हुए आपसी सूझ-बूझ से कुछ बातें तय करें।