महिलाएं हमेशा ही अपने
लुक्स को लेकर
काफी सजग रहती
है। उम्र का
पड़ाव चाहे जो
भी हो, लेकिन
वह हमेशा ही
फिट, हेल्दी व
आकर्षक दिखना चाहती हैं।
लेकिन जैसे-जैसे
समय का पहिया
घूमता है तो
शरीर में भी
बदलाव आता है।
खासतौर से, मां
बनने के साथ
स्त्री के शरीर
में कई बड़े
बदलाव आसानी से
देखे जा सकते
हैं। इनमें सबसे
प्रमुख है डिलीवरी
के बाद तेजी
से वजन का
बढ़ जाना। प्रसव
के बाद अमूमन
महिलाएं अपने शरीर
व खानपान पर
ध्यान नहीं देतीं
और नतीजन उनकी
तोंद निकलती ही
जाती है। बाद
में, इसी बढ़ते
वजन के कारण
उन्हें दूसरों के सामने
शर्मिन्दा होना पड़ता
है। अगर आपका
नाम भी ऐसी
ही महिलाओं की
लिस्ट में शुमार
है तो अब
आपको परेशान या
चिंतित होने की
आवश्यकता नहीं है।
कुछ आसान उपायों
के जरिए आप
बढ़ते हुए वजन
पर आसानी से
लगाम लगा सकती
हैं। तो चलिए
जानते हैं इसके
बारे में-
खुद से कहें सच
महिलाओं का वजन कम न होने की पीछे की एक मुख्य यह होती है कि उनके गोल्स काफी बड़े और अनरियलिस्टिक होते हैं। मसलन, कुछ महिलाएं सोचती हैं कि एक महीने में ही उन्हें प्रसव से पूर्व की आकर्षक फिगर प्राप्त हो जाए या फिर वह एक माह में आठ से दस किलो वजन कम कर लें। लेकिन ऐसा हो पाना लगभग नामुमकिन है और जब महिला का लक्ष्य पूरा नहीं होता तो वह हताश होकर अपने सारे प्रयास ही छोड़ देती है क्योंकि उसे ऐसा लगता है कि वह जो चाहती है, ऐसा नहीं हो रहा। इसलिए सबसे पहले खुद से सच बोलने की हिम्मत जुटाएं। यह देखें कि आपका वजन कितना बढ़ चुका है और उसे कम करने में कितना समय व मेहनत लगेगी। ऐसा नहीं है कि एक महीने में दस किलो वजन कम नहीं किया जा सकता लेकिन वास्तव में ऐसा करना अच्छा नहीं माना जाता क्योंकि ऐसा करने से स्किन लटकने लगती है और वह बेहद अजीब लगती है। इसलिए माह में पांच से सात किलो तक वजन कम करने का ही लक्ष्य बनाएं।
खुद के साथ सख्ती
अगर आपने वजन कम करने का मन बना ही लिया है तो खुद के साथ सख्त होना भी बेहद जरूरी है। यहां यह समझना आवश्यक है कि सख्ती का मतलब क्रेश डाइटिंग नहीं है। ऐसा स्तनपान कराने वाली महिलाओं को कभी भी नहीं करना चाहिए। इससे महिला व उसके कोमल शिशु के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। सख्ती का तात्पर्य है कि भोजन का समय निश्चित करें। रात को सोने से दो घंटे पहले तक भोजन कर लें ताकि भोजन आसानी से पच सके। नियमित अंतराल पर भोजन करें। कभी भी लंबे समय तक भूखे न रहें और भूख लगने पर तला या आॅयली खाने के स्थान पर पौष्टिक आहार, फल, नट्स, दूध आदि को ही तवज्जो दें। चीनी को अपनी डाइट से बाहर कर दें। एक स्तनपान कराने वाली महिला के लिए वजन कम करना वास्तव में बेहद आसान होता है, अगर वह अपने खान-पान पर पर्याप्त ध्यान दें।
जरूर कराएं स्तनपान
आमतौर पर माना जाता है कि मां का दूध शिशु के विकास के लिए बेहद जरूरी है। लेकिन ऐसा नहीं है। स्तनपान से स्त्री को भी उतने ही लाभ प्राप्त होते हैं। खासतौर से, स्तनपान कराने वाली महिलाओं को वजन कम करने में काफी मदद मिलती है। जैसा कि उपर भी बताया गया है कि स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए वजन कम करना अपेक्षाकृत अधिक आसान होता है क्योंकि स्तनपान के दौरान शरीर में जमा अतिरिक्त कैलोरी आसानी से बर्न हो जाती है, जिससे वजन कम होता है। इसके अतिरिक्त स्तनपान कराने से स्त्री अन्य कई गंभीर बीमारियों से भी आसानी से बच सकती है।
शुरू करें एक्सरसाइज
बहुत सी महिलाएं ऐसा मानती हैं कि डिलीवरी के बाद जल्दी से एक्सरसाइज नहीं करनी चाहिए। जबकि ऐसा नहीं है। नाॅर्मल डिलीवरी के पंद्रह दिन बाद आप नियमित रूप से वाॅक कीजिए, वहीं जिन महिलाओं की डिलीवरी सी-सेक्शन से हुई है, वह एक माह बाद वाॅक शुरू कर सकती हैं। लेकिन इससे पहले एक बार अपनी डाॅक्टर से सलाह अवश्य लें। वाॅक से अतिरिक्त कैलोरी को बर्न करने में सहायता मिलती है। आप धीरे-धीरे वाॅक शुरू करके बाद में स्पीड वाॅक भी कर सकती हैं। इतना ही नहीं, डाॅक्टर के परामर्श के बाद कुछ योगाभ्यास, ब्रीदिंग एक्सरसाइज व अन्य कई तरह के व्यायाम भी अवश्य करें। यह बढ़े हुए पेट को कम करने में काफी मदद करेंगे। याद रखें कि खुद के साथ की गई लापरवाही का विपरीत परिणाम आपको बाद में भुगतना पड़ सकता है।
भोजन में लापरवाही नहीं
वजन कम करने में आहार का एक अहम रोल होता है। भले ही कितनी भी एक्सरसाइज की जाए, लेकिन आहार पर ध्यान न दिया जाए तो उसका कोई फायदा नहीं होता। इसलिए भोजन में फाइबर व प्रोटीन की अधिकता रखें। जहां फाइबर के कारण आपको जल्द भूख नहीं लगेगी, वहीं प्रोटीन आपके मेटाबाॅलिज्म को बूस्ट अप करेगा, जिससे तेजी से वजन कम होगा। इतना ही नहीं, प्रोटीन मसल लाॅस होने से भी बचाता है, जिसके कारण वजन कम होने से स्किन लटकने की समस्या नहीं होगी। वहीं भोजन में चीनी, पैक्ड फूड, प्रोसेस्ड फूड आदि से दूरी बनाकर रखें।
नींद का ख्याल
प्रसव के बाद महिलाओं के साथ एक बड़ी समस्या देखने को मिलती है। दरअसल, छोटे बच्चे दिन में सोते हैं लेकिन देर रात जागते या रोते हैं। जिसके कारण स्त्री की नींद पूरी नहीं होती। जिसके कारण स्त्री के शरीर का मेटाबाॅलिज्म प्रभावित होता है। ऐसे में वजन तेजी से बढ़ने लगता है। इससे निपटने का आसान उपाय है कि आप दिन के समय भी नैपिंग लें। अगर एक साथ आठ घंटे की नींद लेना संभव न हो तो नींद को कुछ छोटे हिस्सों में बांट लें। कोशिश करें कि काम सुबह जल्दी निपटा लें और दिन में शिशु को स्तनपान कराते समय आप भी कुछ देर नींद लें। जिससे आप फ्रेश फील करंगी और नींद पूरी होने के कारण वजन भी नहीं बढ़ेगा।