19 नवम्बर 2021
270 फ़ॉलोअर्स
जिंदगी की जुस्तजू और मन में उठते भाव, कोई नजरअंदाज करे कोई सुने लेकर चाव, एक प्रसंग पढ़कर ही न विचार बनाइयें, पूरी पुस्तक पढ़कर खुद को तो दोहराइए, जो गुम न हुए खुद में ही तो हमे बताएं, सच कहे क्या इन भावो से आप खुद भी बच पाएं, यदि पसंद आये तो हौसला अफजाई कर, अगली पुस्तक पर भी प्रकाश डाले, हम सबकी जिंदगी कहानी किस्सों सी, जहां खुद ही ढूंढ रहे अंधेरो में उजाले....D
बढ़िया रचना
19 दिसम्बर 2021
Lajwab 👌👌👌
19 नवम्बर 2021
बहुत सुन्दर प्रस्तुति 👌 👌
19 नवम्बर 2021
Wah bahut mast 👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻
19 नवम्बर 2021
Waah bhut acha....
19 नवम्बर 2021