13 दिसम्बर 2021
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जिंदगी की जुस्तजू और मन में उठते भाव, कोई नजरअंदाज करे कोई सुने लेकर चाव, एक प्रसंग पढ़कर ही न विचार बनाइयें, पूरी पुस्तक पढ़कर खुद को तो दोहराइए, जो गुम न हुए खुद में ही तो हमे बताएं, सच कहे क्या इन भावो से आप खुद भी बच पाएं, यदि पसंद आये तो हौसला अफजाई कर, अगली पुस्तक पर भी प्रकाश डाले, हम सबकी जिंदगी कहानी किस्सों सी, जहां खुद ही ढूंढ रहे अंधेरो में उजाले....D
सुन्दर
18 दिसम्बर 2021
बढ़िया प्रस्तुति जी 🙏
16 दिसम्बर 2021
बेहतरीन रचना
14 दिसम्बर 2021
Bahut khub👍👍👍👍👌👌👌👌👌
14 दिसम्बर 2021