6 दिसम्बर 2021
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जिंदगी की जुस्तजू और मन में उठते भाव, कोई नजरअंदाज करे कोई सुने लेकर चाव, एक प्रसंग पढ़कर ही न विचार बनाइयें, पूरी पुस्तक पढ़कर खुद को तो दोहराइए, जो गुम न हुए खुद में ही तो हमे बताएं, सच कहे क्या इन भावो से आप खुद भी बच पाएं, यदि पसंद आये तो हौसला अफजाई कर, अगली पुस्तक पर भी प्रकाश डाले, हम सबकी जिंदगी कहानी किस्सों सी, जहां खुद ही ढूंढ रहे अंधेरो में उजाले....D
सुन्दर रचना मीनाक्षी जी👌
19 दिसम्बर 2021
अच्छा 🤔 ये तो हमें आज ही पता चला। प्रेम तत्व को जानना यदि इतना ही सरल होता तो विरह के गीत यूँ ही नहीं बनते। राधे राधे 🙏🏻🌷🙏🏻
7 दिसम्बर 2021