16 नवम्बर 2021
268 फ़ॉलोअर्स
जिंदगी की जुस्तजू और मन में उठते भाव, कोई नजरअंदाज करे कोई सुने लेकर चाव, एक प्रसंग पढ़कर ही न विचार बनाइयें, पूरी पुस्तक पढ़कर खुद को तो दोहराइए, जो गुम न हुए खुद में ही तो हमे बताएं, सच कहे क्या इन भावो से आप खुद भी बच पाएं, यदि पसंद आये तो हौसला अफजाई कर, अगली पुस्तक पर भी प्रकाश डाले, हम सबकी जिंदगी कहानी किस्सों सी, जहां खुद ही ढूंढ रहे अंधेरो में उजाले....D
बहुत ख़ूब बेहतरीन लेखन सार्थक अभिव्यक्ति आपकी जी
28 जुलाई 2022
27 दिसम्बर 2021
सुन्दर
18 दिसम्बर 2021
बढिया 👌
6 दिसम्बर 2021
nice दी बहुत ही उम्दा लेखनी ☺️☺️👌
26 नवम्बर 2021
Very nice..
18 नवम्बर 2021