18 नवम्बर 2021
268 फ़ॉलोअर्स
जिंदगी की जुस्तजू और मन में उठते भाव, कोई नजरअंदाज करे कोई सुने लेकर चाव, एक प्रसंग पढ़कर ही न विचार बनाइयें, पूरी पुस्तक पढ़कर खुद को तो दोहराइए, जो गुम न हुए खुद में ही तो हमे बताएं, सच कहे क्या इन भावो से आप खुद भी बच पाएं, यदि पसंद आये तो हौसला अफजाई कर, अगली पुस्तक पर भी प्रकाश डाले, हम सबकी जिंदगी कहानी किस्सों सी, जहां खुद ही ढूंढ रहे अंधेरो में उजाले....D
बहुत खूब
19 दिसम्बर 2021
Nice 👌
6 दिसम्बर 2021
Bhut khub...
18 नवम्बर 2021
Lajwab👌👌
18 नवम्बर 2021
बहुत अच्छा 👌👌👌
18 नवम्बर 2021
बहुत खूब 👌
18 नवम्बर 2021