आरबीआई ने कहा कि देश का विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी हुई है। आरबीआई के मुताबिक भारत के विदेशी मुद्रा भंडार 2.58 बिलियन अमेरिकी डॉलर बढ़ गया। वहीं सोने के भंडार में भी बढ़ोतरी हुई है।
भारत का बढ़ा विदेशी मुद्रा भंडार।
भारतीय रिजर्व बैंक के रिपोर्ट के अनुसार 27 अक्टूबर को समाप्त हफ्ते में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 2.579 बिलियन अमेरिकी डॉलर बढ़कर 586.111 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया। पिछले रिपोर्टिंग सप्ताह में, कुल भंडार 2.363 बिलियन अमेरिकी डॉलर घटकर 583.532 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया था।
विदेशी संपत्ति में बढ़त
अक्टूबर 2021 में देश की विदेशी मुद्रा निधि 645 बिलियन अमेरिकी डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गई थी। वहीं, पिछले साल से वैश्विक विकास के कारण दबाव के बीच केंद्रीय बैंक ने रुपये की रक्षा के लिए विदेशी मुद्रा भंडार को तैनात किया था, जिससे रिजर्व पर असर पड़ा। आरबीआई द्वारा जारी साप्ताहिक सांख्यिकीय रिपोर्ट के अनुसार 27 अक्टूबर 2023 को समाप्त हफ्ते के लिए, विदेशी मुद्रा संपत्ति का एक प्रमुख घटक, 2.303 बिलियन अमेरिकी डॉलर बढ़कर 514.504 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया।
विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों में विदेशी मुद्रा भंडार में रखे गए यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी इकाइयों की सराहना या मूल्यह्रास का प्रभाव शामिल होता है।
स्पेशन ड्राइंग राइट्स के भंडार में गिरावट
भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा कि विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 15 मिलियन अमेरिकी डॉलर घटकर 17.91 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गए। वहीं, केंद्रीय बैंक के आंकड़ों से पता चलता है कि समीक्षाधीन सप्ताह में आईएमएफ के साथ भारत की आरक्षित स्थिति 208 मिलियन अमेरिकी डॉलर घटकर 4.773 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गई।
क्या होता है विदेशी मुद्रा भंडार?
विदेशी मुद्रा भंडार आरबीआई द्वारा विदेशी मुद्राओं में आरक्षित पर रखी गई संपत्ति है। इन भंडारों का इस्तेमाल देनदारियों को चुकाने और मौद्रिक नीति को प्रभावित करने के लिए किया जाता है। विदेशी मुद्रा भंडार में बैंक नोट, जमा, बांड, ट्रेजरी बिल और अन्य सरकारी प्रतिभूतियां शामिल हो सकती हैं।