पीएम मोदी ने गगनयान मिशन की तैयारियों को लेकर एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। यह बैठक मिशन की तैयारियों का मूल्यांकन करने के लिए आयोजित की गई थी। उच्च स्तरीय बैठक के दौरान इसरो के वैज्ञानिकों ने प्रधानमंत्री के सामने एक व्यापक अवलोकन रखा। जिसमें मिशन से जुड़ी कई महत्वपूर्ण जानकारियां शामिल थीं।
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बैठक के दौरान इसरो के वैज्ञानिकों ने प्रधानमंत्री के सामने एक व्यापक रिपोर्ट रखी।
पीएम मोदी ने गगनयान मिशन की तैयारियों को लेकर एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। यह बैठक मिशन की तैयारियों का मूल्यांकन करने के लिए आयोजित की गई थी। उच्च स्तरीय बैठक के दौरान इसरो के वैज्ञानिकों ने प्रधानमंत्री के सामने एक व्यापक अवलोकन रखा। जिसमें मिशन से जुड़ी कई महत्वपूर्ण जानकारियां शामिल थीं।
बैठक को लेकर जारी किए गए एक आधिकारिक बयान में बताया गया है कि पीएम मोदी ने इसरो के वैज्ञानिकों से 2040 तक चंद्रमा पर पहले भारतीय को भेजने और 2035 तक एक भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करने का लक्ष्य रखने को कहा है। उन्होंने ये निर्देश गगनयान मिशन की तैयारियों और 21 अक्टूबर को होने वाली crew escape system test vehicle की पहली उड़ान की समीक्षा के लिए एक बैठक के दौरान दिए।
बैठक के दौरान पीएम मोदी ने देश के अंतरिक्ष मिशनों को लेकर रूपरेखा तैयार की, साथ ही उन्होंने वैज्ञानिकों से वीनस ऑर्बिटर मिशन और मार्स लैंडर सहित अंतरग्रहीय मिशनों की दिशा में काम करने का आग्रह किया। दरअसल हाल ही में चंद्रयान -3 और आदित्य एल 1 मिशन सहित इसरो की सफलता के आधार पर, प्रधानमंत्री ने निर्देश दिया कि भारत को अब नए और महत्वाकांक्षी लक्ष्यों को रखना चाहिए।
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प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए इसरो जल्द ही चंद्रमा पर पहले भारतीय को भेजने के लिए एक रोडमैप विकसित करेगा। इसके लिए चंद्रयान मिशनों की एक पूरी श्रृंखला होगी, साथ ही नई पीढ़ी के लॉन्च व्हिकल (NGLV) को विकसित करने पर काम किया जाएगा। इसके साथ एक नए लॉन्च पैड भी बनाया जाएगा और मानव-केंद्रित प्रयोगशालाओं के साथ संबंधित तकनीक विकसित की जाएंंगी।