भूल है आराधना का प्रथम यौवन
भूल है आनन्द की पहली कमाई
देखते ही रह गये भू से गगन तक
किस तरह श्रृंगार कर-कर भूल आई ?
दिशि बिदिशि साकार हरित दुकूल देखूँ?
यह नये मेहमान इनको भूत देखूँ ?
सीढ़ियों से
मन्दिरों की भला अनबन?
भूल है आराधना का प्रथम यौवन ।