दिनाँक : 25.2.2022
समय : रात 9 बजे
प्रिय डायरी जी,
आज मेरा दिन बहुत ही व्यस्त रहा और इसी व्यस्तता के बीच एक बड़ी खुशी की प्राप्ति भी हुई। किसी भी लेखक के लिए सबसे बड़ी खुशी क्या हो सकती है? निसंदेह, उसकी रचना का प्रकाशन।
एक लेखक बड़े ही मनोयोग से कोई भी रचना लिखता है, उसे बार- बार निहारता है, पाठक की नजर से उसे पढ़ता है, फिर इंतजार करता है कि कब उसकी कलम की स्याही सूखकर एक अदद पुस्तक के रूप में उसके पाठकों के हाथों में आये और सराही जाए।
आज मेरा उपन्यास 'राम वही जो सिया मन भाये' और 'अभिव्यक्ति और अंतर्द्वंद' पुस्तक रूप में मेरे हाथों में है और मेरी कामना है कि जल्दी ही मेरे पाठकों के हाथों में मेरी यह दोनों पुस्तकें हों। पाठक उसे पढ़ें और अपनी समीक्षा दें ताकि मेरी लेखनी में और सुधार हो सके।
एक विशेष बात है कि आप लोगों की समीक्षाएं भी इस पुस्तक में ज्यों की त्यों छपी है। आप लोगों से निवेदन है कि कृपया ये पुस्तकें पढे और मेरी होंसला अफजाई करें। पुस्तक खरीदने के लिए आप शब्द.इन एप से आर्डर कर सकते हैं। अमेज़ॉन और फ्लिपकार्ट पर जल्दी ही ये पुस्तक उपलब्ध होगी तब आप वहां से भी खरीद पाएंगे।
आज मेरे लिए दोगुनी खुशी का दिन रहा। आज मेरी मैरिज एनिवर्सरी है। सुबह-सुबह जब मेरी ये पुस्तकें मेरे हाथों में आईं तो ऐसा लगा कि इससे अच्छा गिफ्ट तो हो ही नहीं सकता।
आप सभी के आशीर्वाद और सहयोग की अकांशी-
गीता भदौरिया