दिनाँक : 17.02.2022
समय : सुबह 7 बजे
प्रिय डायरी जी,
हेलो डायरी! नमस्कार ! कैसी हो?
आज यूपी के एक गांव कुशीनगर का दूखद समाचार देखा। बहुत दुख हुआ कि शादी समारोह में हल्दी की रस्म के दौरान कुएं की मुंडेर पर बहुत सारी महिलाएं और लड़कियां बैठ गई और पुराना कुआं था, मुंडेर चटकी हुई थी, वजन ना सह पाने के कारण वह मुंडेर टूट गई और वह महिलाएं एक दूसरे को बचाने के चक्कर में एक दूसरे के ऊपर गिरती चली गई। इस तरह 12 महिलाओं और एक छोटी सी बच्ची जो 1 साल की थी उसकी मृत्यु हो गई। इतनी दुखद घटना ने दिल को झकझोर दिया।
शादी जब भी होती है तो उससे पहले पंडित जी से पूछा जाता है, शुभ मुहूर्त निकाला जाता है। इसके बावजूद इतना बड़ा हादसा होना....... निश्चित ही उसमें पंडित जी की कोई गलती नहीं है फिर भी मन में थोड़ा सा दुख तो जरूर उत्पन्न होता है। ठीक है हम शादी की रस्में करें लेकिन कम से कम यह तो देख लें कि उससे कोई हानि होनेकी संभावना तो नहीं है। कुएं पर अगर वह मुंडेर नहीं है तो उस पर ना बैठे।
यह इतनी भयावह घटना है कि उसकी गूंज प्रधानमंत्री जी तक पहुंची और उन्होंने भी संवेदनाएं प्रकट की हैं। सोच भी नहीं सकते कि इतने छोटे से उत्सव जो की शादी के दौरान होते है जैसे कि हल्दी की रस्म, जो घर के अंदर ही कर ली जाती है, के दौरान इस कुछ हो सकता है। फिर भी..... हो सकता है उनके वहां कुएं की मुंडेर पर यह रस्म की जाती हो। लेकिन अगर कुआ पुराना था और अगर उसके ऊपर 15-20 लोग ऐसे चलेंगे तो निश्चित ही था उसका दरकना।
और जो यह हल्दी की रस्म थी, मुझे लगता है कि इसमें शायद घर की औरतें ही ज्यादा होंगी - जैसे मां बहन चाची ताई दादी नानी बुआ। इन 12 महिलाओं की मौत की वजह से 12 परिवारों के घर में से उनकी मां पत्नी बहन छिन गई।
इसके अलावा कुछ लिखने का मन नहीं कर रहा। सभी से यह कहना चाहूंगी कि अपने सभी धार्मिक अनुष्ठान करें, अपने सारे रीति रिवाज को पूरा करें, जो भी आपको पंडित ने बताया है वह सब करें, लेकिन अपनी सुरक्षा को ताक पर रखकर ना करें। यह ध्यान दे की आप सुरक्षित हैं तभी आपके रिती रिवाज भी पूरे हो सकते हैं। आप सुरक्षित हैं तभी आपके घर में खुशी भी रह सकती है। आप सुरक्षित हैं तभी आपका परिवार खुशहाल रह सकता है आप सुरक्षित हैं तभी आपकी और आपके परिवार की जिंदगी है।
गीता भदौरिया