बज्र बरसाने दे उन्हें तू खड़ा देखा कर,
फूल बिखराने दे लुभाते हैं लुभाने दे ।
गालियाँ सुनाने दे तू आरती उतारने दे,
दण्ड आजमाने दे या चन्दन चढ़ाने दे ।
होवे बनवास कारावास, नर्कवास
पद चूमे अमरत्व उसे पड़ा रह जाने दे,
साँवली सी सूरत को माधुरी सी मूरत को
प्राण बलि जाने दे तू आँखो से न जाने दे ।