हर वो रह गुज़र जहां से गुजरा था तू कभी निहारती हूं इस उम्मीद में कभी आएगा यहीं दिल में उठते हुए ज्ज़बात का आइना है मेरी किताब!प्यार के हर एक रंगको मैंने अपने शेरों द्वारा आप तक पहुचाने की मैंने भरपूर कोशिश की है ऊपर लिखा हुआ शेर और इस प्रकार के बह
लिखने बैठो तो शब्द अधूरे से पड़ जाते है....🥺
यह इश्क नहीं आसान, एक आग का दरिया है। और डूब कर जाना है।।
हमे क्या पता था कि वो सब बेवजह था
प्रस्तुत पुस्तक एक ग़ज़ल संग्रह है जिसमें स्वरचित ग़ज़लें संग्रहित हैं। ग़ज़ल ऐसी विधा है जो वर्तमान में अधिक पसंद की जा रही है जिसके माध्यम से कठिन बातों को भी आसानी से कहा जा सकता है
यहां मेरी द्वारा लिखी गई ग़ज़ल और कविताएं पढ़ी जा सकती हैं
मुहब्बतों का ये मंजर भी गुज़रना चहिये था मेरी आँखों से समंदर भी उतरना चाहिये था मेरी खामोशी को मेरी हार मत समझे ये दुनिया मेरी गर्दिश के सितारे को उभरना चाहिये था जिस गली से वो थे गुज़रे फूल मुरझा ही गये उनको अपना दुपट्टा सर से ढकना चाहिए था
मन में आने वाले विचारों को कलमबद्ध किया है,आप पढ़ें और महसूस करें।।
जीवन में आने वाली समस्यायों और घटनाओं पर आधारित विषयों पर कुछ शेर हैं, पढ़िए और आनन्द लें और अपनी सोच विकसित करें ।
हाथो मे थाम्हे है ,तिरंगा झंडा हम दुश्मनो हमे बताओ न ,झुकेगे न हम रास्ता दिखने बालो मंजील न बता खुद पथिक बन गाऊ जमाने की रौनक से क्या भरोसा तेरा है मिले हो दुश्मनो से अपना बनाने का कभी क्रोशिश तु न कर मै परिंदा हुँ ,ऐसी गलत पाव न पसार गर्
विशेष पक्तियों से बनी खूबसूरत कविताएं, जो दें मन को चरम सुख
मन के किसी कोने में छिपे भावों के मोती कभी कविता,कभी गजल का रूप ले लेते हैं। उन्हें दिल की किताब से बाहर ला पन्नों पर उकेरने का प्रयास करती हूँ। कभी ये भाव सामाजिक कभी अपने आप से प्रशन करते नजर आते हैं।कम शब्दों में बहुत कुछ कहता काव्य ! मन के किसी क
यहा हम ग़ज़ल कहेंगे, चूक भी गए जो नियम बंधन से, महबूबसे बात,तो भी करेगे।। =/= पूछते है,वो ये ग़ज़ल क्या है, महबूब से बात का इक जरिया है।। =/= संदीप शर्मा।।
हम इंसान उनकी मूरत है कभी उसके रचना पर शक करते हैं तो कभी विश्वास नही कर पाते। जो भी करने वाला है उनके करामतो से होगा। आदमी किसी अनुभव से गुजर कर ही हीरा हो पाता है ऐसे ही जीवन के हर दिशाओं की रंगत मेरी रचनाओं में आपको मिलेगी।
सीधे और सरल शब्दों में अपने मन के एहसास लिखती हूं, मन के जज्बातों को हकीकत में उतारती हूं, सच कहे तो "मेरी कलम से" अपने मन की बातें कोरे पन्ने पर लिखती हूं।