अली रे आली
बन जा
इस जहाँ का माली
तू आदिल बन
आफ़ताब हो जा
आजिम बन
महताब हो जा
आवाज़ह से
मत हो आशुफ़्ता
अब-ए-आईने में
आसिम
आजिज़ हो
आकिबत को
रुखसती कर
आब-ए-चश्म से
शख्सीयत को
बेपरवाह करेगें
अली रे आली
तू; है,
इस जहाँ का माली !!
13 मार्च 2016
अली रे आली
बन जा
इस जहाँ का माली
तू आदिल बन
आफ़ताब हो जा
आजिम बन
महताब हो जा
आवाज़ह से
मत हो आशुफ़्ता
अब-ए-आईने में
आसिम
आजिज़ हो
आकिबत को
रुखसती कर
आब-ए-चश्म से
शख्सीयत को
बेपरवाह करेगें
अली रे आली
तू; है,
इस जहाँ का माली !!