1-क्या समग्र क्रान्ति के अग्रदूत जयप्रकाश नरायण की प्रांसगिकता वर्तमान समय में है अथवा नही?
2-यदि K जयप्रकाश नरायण जीवित व सक्रीय होते तो समाजवाद का स्वरूप क्या होता?
3-क्या अमिताभ बच्चन की शुरुवात की सफल गुस्सैल नायक की छवि वाली फिल्मों में नायक की भूमिका समाजवादी विचारधारा से जिसमें नायक पूंजीपतियों से संघर्ष कर आम ब्याक्ति को न्याय दिलाकर समानता स्थापित करता है ओतपोत्र दिखती है?
उक्त बिन्दुओं पर आपके ओजस्व पूर्ण विचार आमन्त्रित है जिसे आज संवाद के दौरान उठाया जायेगा।