अयोध्या में 22 जनवरी को हुई राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद भक्तो की भीड़ लगी हुई है। इस बीच मंदिर में रामलला की मूर्ति की स्थापना के बाद उसका स्वरूप देखकर खुद उसे बनाने वाले मूर्तिकार योगीराज हैरान हैं। मूर्तिकार योगीराज ने कहा कि मुझे विश्वास ही नहीं हुआ कि ये वही मूर्ति है जो मैंने बनाई थी।
मूर्तिकार योगीराज ने कहा कि जब मैंने प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन गर्भगृह में रामलला की मूर्ति देखी तो मुझे विश्वास ही नहीं हुआ कि ये वही मूर्ति है जो मैंने बनाई थी। योगीराज ने कहा कि रामलला की मूर्ति गर्भगृह में जाते ही उसकी आभा ही बदल गई और वो बोलती हुई लग रही थी।
योगीराज ने कहा "मैंने हमेशा महसूस किया है कि भगवान राम मुझे और मेरे परिवार को हर बुरे समय से बचा रहे हैं और मेरा दृढ़ विश्वास है कि यह वही हैं, जिन्होंने मुझे इस शुभ कार्य के लिए चुना है।"
अपने अद्भुत अनुभवों को बताते हुए उन्होंने कहा, “मूर्ति बनाने के दौरान हर रोज एक बंदर शाम में 4 से 5 बजे के बीच उस जगह आता था, वो सब देखकर चला जाता था। ठंड में हम दरवाजे बंद करने लगे। जब उसने ऐसा देखा तो वो तेज की दरवाजा खोलता अंदर आता, देखता और चला जाता। शायद उनका भी देखने का मन होता होगा।”