साल की पहली सुबह ही शहर में हाहाकार के हालात बन गए थे और ट्रक टैंकरों के ड्रायवरों सहित बस चालकों ने हड़ताल कर जाम कर दिया था। इसके बाद पेट्रोल पंपों पर भीड़ लग गई थी और देर रात तक यह स्थिति बनी रही। टैंकर, ट्रक और बस ड्राइवर्स हिट एंड रन के नए कानून के विरोध में हड़ताल पर उतरे थे, लेकिन आज सुबह तक हड़ताल का असर कम हुआ है और आज स्थित सामान्य नजर आई। सब्जी मंडी में भी कामकाज सामान्य ही रहा।
कल सुबह से जो कुछ बसें चल रही थीं, उन्हें भी रोकने के लिए बस ड्राइवर ने इंदौर रोड पर चक्काजाम कर दिया था। इसके कारण उज्जैन सहित प्रदेश में बस यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में आईपीसी में किए गए बदलाव में रोड एक्सीडेंट के मामलों में भागने पर ड्राइवर के खिलाफ 5 लाख का जुर्माना और 10 साल की सजा का प्रावधान किया है। ड्राइवर्स से लेकर बस और ट्रांसपोर्ट संचालक खुलकर इसका विरोध कर रहे हैं। पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर 1 जनवरी से बसों का संचालन रोकने जैसे मैसेज भी चल रहे थे, लेकिन उज्जैन में किसी बस संगठन ने ऐसी घोषणा नहीं की थी, लेकिन कल सुबह अचानक बस ड्राइवर्स ने बसों की हड़ताल की भी घोषणा कर दी। कल दिनभर हड़ताल की जानकारी लगने के बाद उज्जैन के पेट्रोल पंपों पर पेट्रोल-डीजल भरवाने वालों की लंबी-लंबी कतारें लग गई थी। इस पर उज्जैन पेट्रोल-डीजल एसोसिएशन अध्यक्ष रवि लोहिया ने बताया कि ट्रांसपोर्ट की हड़ताल के कारण पब्लिक में थोड़ा पैनिक है।
कोई भी परेशान न हो, प्रशासन व हम कोशिश कर रहे है और आज दोपहर तक पंपों पर 4-5 गाडिय़ां पहुँच जाएंगी। इतना जरूर है कि जिसको जितनी जरूरत है, वह उतना ही पेट्रोल-डीजल खरीदे इसका स्टॉक न करें। बसावड़ा पेट्रोल पंप के प्रोपराइटर मुकेश बसावड़ा ने बताया कि हिट एंड रन कानून को लेकर जो संशोधन किया गया है, उसी के बाद तरह-तरह की अफवाहें उड़ाई गई और स्थितियां बन रही हैं। इधर शहर पेट्रोल पंपों पर सप्लाय शुरू होने के बाद थोक सब्जी मंडी में भी ट्रांसपोर्ट की गाडिय़ाँ आने लगी हैं और माल पहुंचाया जा रहा है। दौलतगंज थोक किराना बाजार में भी सामान लेकर लोडिंग वाहन पहुंचने लगे हैं।