भारतीय संगीत के इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय का अंजाम हुआ है, जब 92 साल की उम्र में गायिका प्रभा अत्रे ने हार्ट अटैक से अपनी आख़िरी सांस ली। आज 13 जनवरी को मशहूर शास्त्रीय गायिका प्रभा अत्रे का निधन हो गया। उनका निधन एक युग के साथ संगीत के समृद्धि और सौंदर्य को खो देने का दुःख लेकर आया है।
प्रभा अत्रे का नाम उनकी अद्वितीय आवाज़ और विशेषता से सजीव है। उन्होंने अपने समय में संगीत के क्षेत्र में अनगिनत सफलताओं को हासिल किया और सुनी जाने वाली गीतों से लोगों का दिल जीता।
प्रभा अत्रे का संगीत रूचि उन्हें क्लासिकल संगीत से लेकर भजनों और गानों तक फैला। उनकी माधुर्यपूर्ण आवाज़ ने सुनने वालों को एक अलग दुनिया में ले जाया।
गायिका प्रभा अत्रे का हार्ट अटैक से निधन हमें एक संगीतीय योद्धा को खोने का दुःख दिला रहा है, लेकिन उनकी आवाज़ और संगीत की शक्ति सदैव हमारे दिलों में बसी रहेगी। उनका जाना एक युग का समापन है, पर उनकी स्मृति हमें सदैव उनके संगीतीय योगदान को याद रखने के लिए प्रेरित करेगी।
प्रभा अत्रे के परिवार के कुछ करीबी लोग विदेश में रहते हैं। ऐसे में परिवार के लोगों के आने के बाद गायिका का अंतिम संस्कार किया जाएगा।प्रभा अत्रेकिराना घराने से ताल्लुक रखती थीं। प्रभा अत्रे ने किराना घराना के सुरेशबाबू माने और हीराबाई बड़ोदकर से शास्त्रीय संगीत सीखा था।
प्रभा अत्रे को साल 1990 में उन्हें पद्मश्री, साल 2002 में पद्म भूषण और साल 2022 में पदम विभूषण से सम्मानित किया गया। वह एक राइटर भी रहीं। उन्होंने सिंगल स्टेज में 11 किताबें रिलीज की, जो एक वर्ल्ड रिकॉर्ड है।स्वरागिनी और स्वरंजनी म्यूजिक कंपोजिशन पर लिखी गईं उनकी तीन बुक काफी पॉपुलर हैं। सरला मधुसूदन देसाई, रागिनी चक्रवर्ती, चेतन बनावत जैसे कई सिंगर इनके शिष्य रह चुके हैं। इसके अलावा प्रभा अत्रे ऑल इंडिया रेडियो की फॉर्मर असिस्टेंड प्रोड्यूसर और ए ग्रेड ड्रामा आर्टिस्ट भी रह चुकी हैं।