भारत का चंद्रयान-3 चांद पर उतरा और 14 दिनों तक रिसर्च करते हुए रोवर प्रज्ञान ने चहलकदमी भी की। कम लोगों को पता होगा कि चंद्रयान की लॉन्चिंग के समय नासा के साइंटिस्ट इतना प्रभावित हुए थे कि उन्होंने इसरो से कह दिया कि क्या आप अपनी टेक्नॉलजी अमेरिका को बेच सकते हैं? इसरो चीफ सोमनाथ ने पूरा किस्सा सुनाया है।
एक वक्त था जब दुनिया भारत को सांपों और साधुओं का देश मानती थी। कुछ साल पहले अमेरिका के प्रतिष्ठित अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने भारत के स्पेस मिशन का मजाक उड़ाया था। दुनिया का सबसे ताकतवर मुल्क कहा जाने वाला अमेरिका अब भारत की टेक्नॉलजी को खरीदने के लिए लालायित है। जी हां, इसरो के चेयरमैन एस सोमनाथ ने जो बताया, वह आपको गर्व से भर देगा। जिस समय चंद्रयान-3 मिशन लॉन्च किया जा रहा था, नासा के वैज्ञानिकों की एक टीम भी इसरो हेडक्वॉर्टर में मौजूद थी। वे कम खर्चे में भारतीय स्पेस साइंटिस्टों की बेहतरीन टेक्नॉलजी देख हैरान थे। भारत इतने कम पैसे में मून के साउथ पोल पर कैसे जा रहा है? बाद में नासा के वैज्ञानिकों से रहा नहीं गया और उन्होंने भारत से वो टेक्नॉलजी मांग ली।
नासा से 5-6 साइंटिस्ट आए थे
रामेश्वरम में डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम फाउंडेशन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में स्टूडेंट्स को संबोधित करते हुए सोमनाथ ने बताया, 'नासा की जेट प्रॉपल्शन लेबोरेटरी से करीब 5-6 लोग इसरो मुख्यालय आए थे। हमने उन्हें चंद्रयान-3 टेक्नॉलजी के बारे में बताया। यह सॉफ्ट लैंडिंग से पहले की बात है।' नासा के वैज्ञानिकों ने कहा कि हमारे पास शब्द नहीं हैं क्या कहें। सब कुछ इतने अच्छे से हो रहा है। अमेरिकी वैज्ञानिकों ने कहा था, 'साइंटिफिक उपकरणों को देखिए, वे कितने अच्छे और सस्ते हैं। ये हाई-टेक्नॉलजी है। आपने इसे कैसे बनाया? आप इसे अमेरिका को क्यों नहीं बेच देते?'
चंद्रयान-10 से कोई महिला चांद पर जाएगी!
जब भारत चांद पर उतरा, उस वक्त को याद करते हुए सोमनाथ ने बताया कि पीएम मोदी का फोन आया तो मैंने उन्हें बताया कि भारत मून पर है सर। उन्होंने धन्यवाद दिया। पीएम ने मुझसे कहा कि अब आप चांद पर किसी भारतीय को कब भेज रहे हो? सोमनाथ ने स्टूडेंट्स से कहा कि चंद्रयान-10 की लॉन्चिंग में आपमें से कोई ऐसा रॉकेट डिजाइन करेगा जो चांद पर जाएगा और आपमें से ही कोई उस रॉकेट में बैठा होगा। इस बात की संभावना ज्यादा है कि वह एक लड़की होगी। उन्होंने कहा कि कोई महिला अंतरिक्षयात्री भारत से जाएगी और चांद पर उतरेगी और इसके लिए आपको 2047 तक वेट नहीं करना पड़ेगा। यह उससे काफी पहले हो जाएगा।
हम बनेंगे पावरफुल मुल्क
सोमनाथ ने विद्यार्थियों से कहा, 'समय बदल गया है। हम बेस्ट उपकरण और बेस्ट रॉकेट बनाने में सक्षम हैं। यही वजह है कि हमारे पीएम नरेंद्र मोदी ने स्पेस सेक्टर को खोल दिया है। हमारे ज्ञान और इंटेलिजेंस का स्तर दुनिया के चुनिंदा देशों में से एक है। भारत एक दिन पावरफुल मुल्क बनेगा। हम टेक्नॉलजी में शक्तिशाली बनेंगे।'