दिनाँक : 14.11.2021
समय। : रात 12:50
प्रिय सखी,
सोनू सूद लॉकडाउन में, करते रहे मजूदूरों संग उठाईगीरी।
हो जाते वो कंचन कंगना, गर आती उनको भी चमचागीरी।
व्यर्थ ही लड़े, मंगल पांडे, भगत सिंह और लक्ष्मी बाई,
भीख में मिली आज़ादी, कह रही रिसर्चर कंगना ताई।
गीता काहे होती गंभीर, जब कुछ समझ ना आता,
जिसकी लाठी उसकी भैंस, बाकि को कहदो टाटा।
(लाठी=सरकार)
गीता भदौरिया