दिनाँक : 14.11.2021
समय। : दोपहर 1:30
प्रिय सखी,
1. हमे अपने आपको बार-बार याद दिलाते रहना होगा कि हमारे धर्म चाहे अलग हो, लेकिन हम एक हैं।
2 भारत युद्ध का नहीं बल्कि प्रेम का देश है।
3. दीवारों से तस्वीरें बदलकर इतिहास नहीं बदला जा सकता।
4. मैं चाहता हूं कि हिंदुस्तान की उन सब जंजीरों को तोड़ दे जिससे वह जकड़ा है, जो उसको आगे बढ़ने से रोकती हैं। और देश में रहने वालों में फूट डालती हैं।
5. आजादी और ताकत अपने साथ जिम्मेदारी भी लाती है।
6. आने वाला समय उनका है जिन्होंने विज्ञान को स्वीकार किया है।
7. अगर पूंजीवादी शक्तियों को नियंत्रित नहीं किया गया तो ये अमीर को और अमीर, गरीब को और गरीब बना देंगी।
8. राजनीति और धर्म पुराने हो चुके हैं, अब समय आ गया है विज्ञान और अध्यात्म का।
9. दूसरे हमारे बारे में क्या सोचते हैं,उससे कहीं अधिक मायने ये रखता है कि हम वास्तव में कैसे हैं।
ऊपर जो नौ कथन हैं, वह मेरे नहीं हैं। चाचा नेहरू, भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू जी के है, जो बच्चों को देश का भविष्य मानते थे और जिनकी याद में आज बालदिवस मनाया जा रहा है।
प्रसिद्ध पंचशील सिद्धांतों को लागू करवाकर विश्व के देशों में शांति और सद्भावना स्थापित करने में नेहरू जी का अपूर्व योगदान था। आपको पता ही है नेहरूजी राजनीतिक, समाजिक एवं आर्थिक चिंतक होने के साथ ही एक उच्चकोटि के लेखक भी थे, जिन्होंने दो पुस्तकें लिखी, जो कि विश्व प्रसिद्ध हैं:-
डिस्कवरी ऑफ इंडिया
ग्लिम्पसेज ऑफ वर्ल्ड हिस्ट्री
SSC और UPSC के एग्जाम में इनके बारे में खूब आया करता था। खैर अब तो नई पीढ़ी गांधी-नेहरू के अस्तित्व पर ही सवाल उठाने लगी है। सब ये भूल गए हैं कि आज जो भी हैं, 70 सालों की मेहनत का ही नतीजा है। हमसे पहले वाली दोनो -तीनो पीढियां कोंग्रेसी ही थीं।
खैर, आपको तो अब तक पता ही चल गया होगा, मैं राजनीति न्यूट्रल हूँ, जिसकी जो चीज़ अच्छी या खराब लगती है, सभी के बारे में लिख देतीं हूँ।
बालदिवस की खुशी में बच्चे रजाई में से 10 बजे निकले हैं। यही उनका बाल दिवस है, वरना तो आज के बच्चों के ऊपर भी पढ़ाई का बहुत प्रेशर है।
'उम्र से बच्चों' को बाल दिवस की शुभकामनाएं और 'दिल से बच्चों' को रविवार की शुभकामनाएं। गृहणियों के लिए कामना है कि आप स्वस्थ रहें और 90 साल तक काम करती रहें।
आपको बाल सखी,
गीता भदौरिया