बावरा मन,
बावरे दो नैन,
चले देखन संग सखी
इक सपना सुहावना,
हाँ सपना लुभावना।
बावरे मन ही चाह
सखी सुन, धुन लगी
इतनी सी बस गर
मिल ही जाये
पुरुस्कार तनिक
बस अब।
बावरा मन,
बावरे से दो नैन,
चले देखन संग सखी
राह बस परिणाम
की अब, जैसे हो
इक सपना सुहावना,
हाँ सपना लुभावना।
बावरा मन,
बावरे से दो नैन.....