दिनाँक : 22.11.2021
समय : रात 8: 30 बजे
प्रिय सख़ी,
दिल्ली में आप किसी ऐसे व्यक्ति से बात करेंगे जो आज सरकारी या प्राइवेट नौकरी या फिर किसी अच्छे खासे बिजनेस में है और उन्हें 15 साल से ऊपर हो चुके हैं, तो 70% संभावना है कि वह दिल्ली के सरकारी स्कूल से पढ़ा होगा। उनमे से एक मैं भी हूँ। मैने भी 12वी तक सरकारी स्कूल और फिर दिल्ली यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है। हालांकि उस समय के स्कूल की बिल्डिंग और सुविधाएं आज के जैसी नहीं थीं, पर टीचर और साइंस लैब, आज के प्राइवेट स्कूलों से भी अच्छे थे।
आज तो दिल्ली के स्कूलों की काया पलट ही हो गई है जिसे देखकर बड़ी खुशी होती है। लेकिन इस बार नीट 2021के रिजल्ट में तो दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों ने कमाल ही कर दिया है। सरकारी स्कूलों के 496 बच्चों ने परीक्षा में सफलता प्राप्त की है। इनमें से दो बच्चे कुशाल गर्ग और इशिका जैन ने 720 में से 700 अंक प्राप्त किए हैं।
कुशाल को ऑल इंडिया 165वीं रैंक मिली है, जिसके आधार पर उन्हें एम्स में दाखिला मिला है। कुशाल के पिता बढ़ई, जबकि मां गृहणी है।
इशिका जैन सूरजमल विहार स्थित सरकारी स्कूल की छात्रा है। इशिका ने 156वीं रैंक प्राप्त कर एम्स में सीट पाई है।उनके पिता स्टेशनरी की दुकान चलाते हैं और मां गृहणी है।
पश्चिम विहार के सरकारी स्कूल के 35 बच्चे नीट में बैठे थे, जिसमें से 25 छात्रों ने सफलता प्राप्त की है। बीते साल इसी स्कूल के 21 छात्र-छात्राएं सफल रहे थे। इसके अलावा,
:-
यमुना विहार स्कूल 51
पश्चिम विहार स्कूल 28
आईपी एक्टेंशन 16
लोनी रोड स्कूल 15
मोलरबंद स्कूल 15
रोहिणी स्कूल 14
बच्चे नीट में सफल रहे। हालांकि और भी सरकारी स्कूल से बच्चे आये है, पर इन स्कूलों के ज्यादा बच्चों ने पास किया है।
अभी एक लेख में मैंने उन बच्चों की बात की थी जिनके माता पिता दोनो वर्किंग है। पर कुशाल गर्ग और इशिका जैन के माता पिता कम पढे लिखे है।
इससे पता चलता है कि सफलता में मातापिता के परिवेश से ज्यादा बच्चे की मेहनत काम करती है।
आपकी सखी
गीता भदौरिया