परिचाय: चिराग पटेल ने 2022 के चुनाव में खम्बात सीट पर बीजेपी के सिटिंग विधायक को हराया था। उन्होंने 3200 वोटो से महेश रावल को हराया था। चूंकि चिराग पटेल के इस्तीफा देने के बाद अब काग्रेस के विधायको कि संख्या घटकर अब 16 हो गई है।
सकारात्मक दृष्टिकोण नही: पटेल ने कहा , कई वजह है जिस वजह से मैंने इस्तीफा दिया हैं। पार्टी की मानसिकता राष्ट्र के विरोध में हैं। जब देश काम कर रहा है, तो कांग्रेस के कोई भी नेता सकारात्मक सोच वाले नही है। इनका केवल एक ही काम है सुबह से लेकर शाम तक जो भी सत्ताधारी पार्टी है उनका विरोध करना।
मेरी तरह कई विधायक नाखुश हैं, क्योंकि उन्हें पार्टी में घुटन महसूस होती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस हीरो से जीरो बन गई है। उन्होंने बीजेपी में जाने से जुड़े सवालों का जवाब तो नही दिया लेकिन यह जरूर कहा कि अयोध्या में बन रहा राम मन्दिर पूरे हिंदू समुदाय के लिए काफी महत्वपूर्ण है, जबकि कांग्रेस नेताओ ने मन्दिर निर्माण के संबंध में एक भी शब्द नहीं कहा है।
पटेल ने दावा किया कि अगर हालात नहीं सुधरे तो कांग्रेस के और विधायक भी इस्तीफा दे सकते हैं। कांग्रेस में गुटबाजी चरम पर है और स्थानीय पार्टी मामलों को सीधे केंद्रीय नेतृत्व दिल्ली से संचालित करता है जैसे कि वे वातानुकूलित बंगलों में बैठकर कोई रियासत चला रहे हों।उन्होंने कहा कि वह राष्ट्रवादी राजनीति में विश्वास करते हैं और उन्हें लगता है कि वह कांग्रेस में अपने निर्वाचन क्षेत्र की ठीक से सेवा नहीं कर सकते।
निष्कर्ष:
इस विवाद से जुड़े चर्चाओं में, चिराग पटेल ने अपने इस्तीफे में बताया कि कुछ सदस्यों की पार्टी को तोड़ने की कोशिश की जा रही है, जिससे उनके और पार्टी के बीच विश्वासघात हो रहा है। उन्होंने पार्टी के इकाईयों में एकता को बढ़ावा देने की भी अपील की है।