व्हाइट हाउस ने गुरुवार को कहा है, कि उसने नई दिल्ली से एक अलगाववादी सिख नेता, जो एक अमेरिकी नागरिक है, उसकी 'हत्या की साजिश' के लिए जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराने का आग्रह किया है। हालांकि, व्हाइट हाउस ने भारत के साथ रणनीतिक साझेदारी को गहरा करने की अमेरिकी प्रतिबद्धता की भी पुष्टि की है।
अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा प्रवक्ता जॉन किर्बी ने व्हाइट हाउस संवाददाता सम्मेलन में संवाददाताओं से कहा, कि "भारत एक रणनीतिक साझेदार है। हम उस रणनीतिक साझेदारी को और गहरा कर रहे हैं। वे प्रशांत क्षेत्र में क्वाड के सदस्य हैं। हम कई मुद्दों पर उनके साथ भाग लेते हैं और हम यह देखना चाहते हैं, कि यह निरंतर जारी रहे।"
लेकिन, आगे फिर उन्होंने तेवर दिखाते हुए कहा, कि "साथ ही, हम निश्चित रूप से इन आरोपों की गंभीरता को लेते हैं।"
भारत पर प्रेशर बनाता अमेरिका आपको बता दें, कि अमेरिका के जस्टिस डिपार्टमेंट ने एक अमेरिकी-खालिस्तानी वकील की कथित हत्या की साजिश रचने का आरोप एक भारतीय अधिकारी पर लगाया है और कहा है, कि वो भारतीय अधिकारी, एक भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता को ऑर्डर दे रहा था। जस्टिस डिपार्टमेंट का आरोप है, कि सुपारी देकर हत्या की इस साजिश को रचा गया था और निखिल गुप्ता को चेक रिपब्लिक से गिरफ्तार किया गया है। वहीं, इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में कहा गया है, कि निखिल गुप्ता को अमेरिका के हवाले कर दिया है।
निखिल गुप्ता, जिन्हें 'निक' के नाम से भी जाना जाता है, उन्हें चेक अधिकारियों ने जून में गिरफ्तार किया था। हालांकि, अमेरिकी जिला न्यायालय के अभियोजकों ने "लक्ष्य" का नाम नहीं बताया, लेकिन अमेरिकी अधिकारियों ने उसकी पहचान सिख अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नून के रूप में की है।
गुरुवार की प्रेस वार्ता के दौरान, जॉन किर्बी इस कथित साजिश के द्विपक्षीय भारत-अमेरिका संबंधों पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में एक सवाल का जवाब दे रहे थे।
उन्होंने कहा, "हम चाहते हैं कि इसकी पूरी जांच हो और जिम्मेदार लोगों को उचित रूप से जवाबदेह ठहराया जाए।" उन्होंने कहा, कि "इसकी सक्रिय जांच चल रही है। हमने कहा है, कि हमें खुशी है कि हमारे भारतीय समकक्ष इसे गंभीरता से ले रहे हैं और ऐसा कर रहे हैं। हम चाहते हैं कि इन हमलों के लिए जिम्मेदार लोगों को पूरी तरह से जवाबदेह ठहराया जाए, लेकिन मैं ऐसी जांच पर फिलहाल टिप्पणी नहीं करूंगा, जो अभी चल रही है।"
पिछले हफ्ते, संयुक्त राज्य अमेरिका ने इस बात पर जोर दिया था, कि बाइडेन प्रशासन इस मुद्दे को लेकर बहुत गंभीर है, लेकिन उसने अपने आरोपों की उच्च स्तरीय जांच की घोषणा करने के भारत के फैसले का स्वागत किया था। मौजूदा स्थिति के मद्देनजर संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) के निदेशक भारत की खुफिया एजेंसियों के प्रमुखों से मिलने के लिए अगले हफ्ते नई दिल्ली भी आ रहे हैं।
हालांकि, कई सूत्रों का कहना है, कि एफबीआई डायरेक्टर के दिल्ली दौरे के दौरान भारतीय अधिकारी उनके सामने खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह की भारत विरोधी गतिविधियों के सबूत भी रखने वाले हैं और भारत की तरफ से उन्हें पन्नून के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा जाएगा।