राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के प्रमुख सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की 5 दिसंबर को उनके आवास पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। दो अज्ञात लोगों ने उनके घर आकर उनपर ताबड़तोड़ गोलियां चलाई थीं, जिसका सीसीटीवी फुटेज भी वायरल हो रहा है। इस हत्या के बाद सोशल मीडिया पर कई लोगों ने सवाल उठाया था कि आखिर सुखदेव सिंह गोगामेड़ी को पुलिस सिक्योरिटी क्यों नहीं दी गई थी।
राजस्थान पुलिस का मानना है कि सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या बदले की भावना से की गई थी। क्योंकि सुखदेव सिंह गोगामेड़ी कोई संत नहीं थे। यही कारण है कि उन्हें वह पुलिस सुरक्षा नहीं दी गई। बता दें कि सुखदेव सिंह गोगामेड़ी 2016 से पुलिस सिक्योरिटी मांग रहे थे।
सुखदेव सिंह गोगामेड़ी ने अशोक गहलोत के सरकार और पिछली वसुंधरा राजे सरकार में भी पुलिस सुरक्षा मांगी थी। जिसे दोनों सरकारों ने खारिज कर दिया था।
सुखदेव सिंह गोगामेड़ी एक हिस्ट्रीशीटर था और उसके खिलाफ 30 से ज्यादा आपराधिक मामले थे। 1995 में अपने होम टाउन हनुमानगढ़ से शुरुआत करने के बाद उनके ऊपर अपहरण, जबरन वसूली, गलत तरीके से रोकना, डकैती, अवैध हथियार, हत्या आदि के आरोप लगे थे। उनके खिलाफ 30 से अधिक ऐसे मामले दर्ज किए गए थे।
सुखदेव सिंह गोगामेड़ी द्वारा सुरक्षा के लिए अनुरोध किए जाने के बाद, राजस्थान पुलिस ने खतरे का आकलन किया और निष्कर्ष निकाला कि अगर उन्हें पुलिस सुरक्षा दी गई, तो वह इसका उपयोग अपराध के क्षेत्र में अपने पंख फैलाने के लिए कर सकता है।
राजस्थान पुलिस ने एसआईटी का किया गठन
घटना के बाद राजस्थान पुलिस ने हत्या की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया। पुलिस के मुताबिक, हमलावरों की पहचान कर ली गई है और उनकी गिरफ्तारी के लिए ऑपरेशन चलाया जा रहा है।
पुलिस ने हमलावरों के बारे में सुराग देने वाले को 5 लाख रुपये का इनाम देने की भी घोषणा की है, जिनकी पहचान मकराना के जुसारिया गांव के रोहित सिंह राठौड़ और हरियाणा के महेंद्रगढ़ के डुंगराजट गांव के नितिन फौजी के रूप में की गई है।