परिचय: सशस्त्र सेना झंडा दिवस हर साल 7 दिसंबर को मनाया जाता है। यह दिन उन सशस्त्र बलों को समर्पित है जो हमारे देश की सुरक्षा और अखंडता को संरक्षित रखने के लिए निरंतर प्रयासरत रहते हैं। इस दिन को मनाने से हम उनकी साहस, पराक्रम, और बलिदान को सलामी देते हैं।
सशस्त्र सेना झंडा दिवस एक महत्त्वपूर्ण अवसर है जब हम सेना के वीरों के साहस और निर्भीक जज्बे को याद करते हैं। इस दिन को श्रद्धांजलि और गर्व के साथ मनाना चाहिए ताकि हम उनके समर्थन में अपनी प्रतिबद्धता को दिखा सकें। सेना के वीर जो देश की सीमाओं पर जान की बाजी लगाते हैं, उन्हें हमारा सम्मान और समर्थन सदैव मिलना चाहिए।
समिति क्यों एकत्र कर रही थी धन?
झंडे से चंदा एकत्र करके धमा जमा करने के पीछे समिति के तीन मुख्य उद्देश्य रहे। पहला, जंग के समय जनहानि पर सहयोग करना। दूसरा, सेना के कर्मियों और उनके परिवार का कल्याण व सहयोग करना और तीसरा, सेवानिवृत्त कर्मियों और उनके परिवार का कल्याण करना।
भारतीय सशस्त्र सेवा झंडा दिवस मनाने की शुरुआत आजादी के बाद से हुई। 1949 में पहली बार यह दिन मनाया गया।
सशस्त्र सेना झंडा दिवस का इतिहास
भारतीय सशस्त्र सेना झंडा दिवस मनाने के पीछे की एक खास वजह है। भारत कई दशकों तक अंग्रेजों का गुलाम रहा। हालांकि 15 अगस्त 1947 को देश स्वतंत्र घोषित हो गया। इसके बाद भारत का संविधान बना और यह एक लोकतांत्रिक देश बन गया। हमारे सामने एक बड़ी चुनौती थी देश की सीमा की रक्षा करना। इसके लिए सेनाएं अस्तित्व में आईं, जिन्हें मजबूत किया जाने लगा। आजादी के दो साल बाद 28 अगस्त 1949 को भारत सरकार ने भारतीय सेना के जवानों के कल्याण के लिए एक समिति का गठन किया।
7 दिंसबर को ही क्यों होता है सेना झंडा दिवस?
सेना के जवानों के कल्याण के लिए गठित समिति ने प्रतिवर्ष 7 दिसंबर को झंडा दिवस मनाने का फैसला लिया। इस समिति ने धन जमा करने के लिए लोगों के बीच छोटे झंडे बांटे और इससे चंदा एकत्र किया। उस दौरान झंडे में तीन रंग (लाल, गहरा नीला और हल्का नीला) थे। ये रंग तीनों सेनाओं को प्रदर्शित करते हैं।
समिति क्यों एकत्र कर रही थी धन?
झंडे से चंदा एकत्र करके धमा जमा करने के पीछे समिति के तीन मुख्य उद्देश्य रहे। पहला, जंग के समय जनहानि पर सहयोग करना। दूसरा, सेना के कर्मियों और उनके परिवार का कल्याण व सहयोग करना और तीसरा, सेवानिवृत्त कर्मियों और उनके परिवार का कल्याण करना।
सशस्त्र सेना झंडा दिवस हमें यह भी याद दिलाता है कि हमें अपने सेना के साथीदारों के प्रति आभारी और समर्थनीय होना चाहिए। उनके परिश्रम और निष्ठा को सराहना करते हुए, हमें उनका साथ देना चाहिए ताकि हम एक सशक्त और सुरक्षित देश की दिशा में अग्रसर हो सकें।
समस्त देशवासियों को सशस्त्र सेना झंडा दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं! इस दिन को समर्थन का अवसर बनाकर हम अपनी सेना के साथ जुड़ सकते हैं और उनके परिश्रम को सलामी दे सकते हैं।