महान वैज्ञानिकों में अल्बर्ट आइन्स्टाइन का नाम सबसे पहले रखा जाता है । 1879 में जन्मे आइन्स्टाइन ने सापेक्षता के विशेष एवं सामान्य सिंद्धांत सहित विज्ञान जगत को अनेक योगदान दिए I
कहा जाता है कि आइन्स्टाइन तीन साल तक डिस्लेक्सिया से पीड़ित थे और बोल भी नहीं पाते थे I तेरह साल की उम्र तक वह अपने जूतों के फीते बांधना भी नहीं सीख पाये थे I आइन्स्टाइन शुरू में न तो गुणा-भाग कर पाते थे और न ही शब्दों को सही तरह से लिख पाते थे I उनके शिक्षक हमेशा उनके बारे में नकारात्मक टिप्पड़ी करते थे I लेकिन दुनिया जानती है कि आइन्स्टाइन सापेक्षता के विशेष एवं सामान्य सिद्धांत प्रतिपादित कर इतिहास में अमर हो गए I उनके इस सिद्धांत से विज्ञान के क्षेत्र में क्रांति आ गयी। अपनी इस उपलब्धि के लिए वह आधुनिक भौतिकी के जनक कहलाये I आइन्स्टाइन को लॉ ऑव फोटोइलेक्ट्रिक इफ़ेक्ट की खोज के लिए वर्ष 1921 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया I
इन महान वैज्ञानिकों का जीवन दर्शाता है कि कमजोर शुरुआत और दुनिया भर के विरोध के बावजूद धुन का पक्का व्यक्ति चाहे तो क्या नहीं कर सकता । हमें भी इनसे सीख लेते हुए सामने आने वाली मुश्किलों से घबराये बिना निरंतर अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते रहना चाहिए और एक दिन अपने सपनो को साकार करना चाहिए।