महाप्रसाद के बदले महादानआप सभी जानते हैं कि कोरोना विषाणु के कारण जनजीवन बहुत बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। व्यापार, कारोबार और रोजगार भी अछूता नहीं रहा। कोरोना के कारण पूरे विश्व में भय व्याप्त है। ऐसे में पड़ने वाले त्योहारों का रंग भी फीका पड़ता गया। राष्ट्रीय त्यौहार स्वतंत्रता दिवस का आयोजन तो कि
अहोईअष्टमी व्रतआश्विन शुक्लपक्ष आरम्भ होते ही पर्वों की धूम आरम्भ हो जाती है | पहले शारदीय नवरात्र, बुराई और असत्य परअच्छाई तथा सत्य की विजय का प्रतीक पर्व विजया दशमी उसके बाद शरद पूर्णिमा औरआदिकवि वाल्मीकि की जयन्ती, फिर कार्तिक कृष्ण प्रतिपदा सेकार्तिक स्नान आरम्भ हो जाता है | कल कार्तिक कृष्ण प्र
जीवन को सरल, सहज और उदार बनाओमनुष्य कहने के लिए तो प्राणियों में सबसे बुद्धिमान और समझदार कहलाता है। पर गहन अध्ययन व चिंतन करने पर पता चलता है कि उसके जैसा नासमझ व लापरवाह दूसरा कोई प्राणी नहीं है। विचारकों, चिंतकों, शिक्षाशास्त्रियों और मनीषियों ने बताया कि सीखने की कोई आयु और अवस्था नहीं होती है।
बैंकों में आजकल लोन के अलावा सोने के सिक्के, इन्शोरेन्स, मेडिक्लैम, म्यूच्यूअल फण्ड भी मिलने लगे हैं. पहले ये सब झमेला नहीं था. अब इसे झमेला ना कह कर 'फाइनेंशियल लिटरेसी' कहा जाने लगा है. याने पैसे कहाँ लगाने हैं और ब्याज ज्यादा कहाँ मिलेगा ये बताया जाता है. चालीस बरस बै
शरद पूर्णिमासोमवार तीस अक्तूबर को आश्विन मास की पूर्णिमा, जिसेशरद पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है - का मोहक पर्व है | औरइसके साथ ही पन्द्रह दिनों बाद आने वाले दीपोत्सव की चहल पहल आरम्भ हो जाएगी |सोमवार को सायं पौने छह बजे के लगभग पूर्णिमा तिथि आरम्भ होगी जो 31अक्तूबर को रात्रि 8:19 तक रहेगी | इस दिन
बैंक में ऑडिट बहुत होता है. जितनी ज्यादा बिज़नेस होगा उतनी बड़ी ब्रांच होगी और उतने ही ज्यादा ऑडिटर आएँगे. एक तो घरेलू या इंटरनल ऑडिटर होते हैं ये साल में एक बार आते हैं. एक और इंटरनल ऑडिटर भी हैं जिन्हें कनकरंट ऑडिटर कहते हैं. ये बड़ी ब्रांच में बारहों महीने बैठे रहते हैं औ
अष्टमनवरात्र – देवी के महागौरी रूप की उपासना के लिए कुछ मन्त्र या श्री: स्वयं सुकृतीनाम् भवनेषु अलक्ष्मी:, पापात्मनां कृतधियांहृदयेषु बुद्धि: |श्रद्धा सतां कुलजनप्रभवस्य लज्जा, तां त्वां नताः स्म परिपालय देविविश्वम् ||शनिवार 24 अक्तूबर - आश्विन शुक्लअष्टमी - देवी के अष्टम रूप महागौरी की उपासना का दि
सप्तम नवरात्र – देवी केकालरात्रि रूप की उपासनात्रैलोक्यमेतदखिलं रिपुनाशनेन त्रातंसमरमूर्धनि तेSपि हत्वा ।नीता दिवं रिपुगणाभयमप्यपास्तमस्माकमुन्मदसुरारि भवन्न्मस्ते ।।कल आश्विन शुक्ल सप्तमी – सप्तमनवरात्र – माँ भगवती के सप्तम रूप कालरात्रि की उपासना का दिन | सबका अन्त करनेवाले काल की भी रात्रि अर्थात
नवरात्रों में कन्या पूजन की प्रासंगिकता आजसभी ने माँ भगवती के छठे रूप – स्कन्दमाता – की उपासना की | शारदीय नवरात्र हों याचैत्र नवरात्र – माँ भगवती को उनके नौ रूपों के साथ आमन्त्रित करके उन्हें स्थापितकिया जाता है और फिर अन्तिम इन कन्या अथवा कुमारी पूजन के साथ उन्हें विदा कियाजाता है | कन्या पूजन किय
अखबार में कुछ दिनों पहले खबर छपी थी कि जापान एयरलाइन्स भविष्य में अपने हवाई जहाज़ में इस तरह से घोषणा नहीं करेंगे - गुड मोर्निंग लेडीज़ & जेंटलमेन. अब जापानी एयर होस्टेस दूसरी तरह से घोषणा करेगी - 'गुड मोर्निंग एवरीवन' या फिर 'गुड मोर्निंग पैस्सेंजर्स'. ब्रिटेन में भी 'हेलो
नवरात्रों में घट स्थापना और जौ उगाना कल आश्विनशुक्ल प्रतिपदा यानी शनिवार 17 अक्तूबर से समस्त हिन्दू समाज माँ भगवती की पूजा अर्चना के नव दिवसीयउत्सव शारदीय नवरात्र के आयोजनों में तल्लीन हो जाएगा | सर्वप्रथम सभी को शारदीयनवरात्रों की हार्दिक शुभकामनाएँ...इसवर्ष आश्विन शुक्ल प्रतिपदा – प्रथम नवरात्
यह अवांछित और दुर्भाग्य पूर्ण सच है कि समाज में सब तरह के अपराध अब भी घटित होते हैं किन्तु सभी सुर्ख़ियों में नहीं आते। हत्या और बलात्कार जघन्य अपराध हैं। एक तो ये अपराध निंदनीय हैं और शर्मसार करने वाले है। उस पर मीडिया ,सरकारों और विभिन्न पार्टियों के नेताओं की प्रत
नवदुर्गा महात्म्य आश्विन शुक्ल प्रतिपदा यानी शनिवार17 अक्तूबर से शारदीय नवरात्रों का आरम्भ होने जा रहा है | महिषासुरमर्दिनी के मन्त्रों केउच्चार के साथ नवरात्रों में माँ भगवती के नौ रूपों की पूजा अर्चना आरम्भ हो जाएगी| इस अवसर पर स्थान स्थान पर देवी के पण्डाल सजाए जाएँगे जहाँ दिन दिन भर और देररात तक
उठाया है क़लम तो इतिहास लिखूँगामाँ के दिए हर शब्द का ऐहशास लिखूँगाकृष्ण जन्म लिए एक से पाला है दूसरे ने उसका भी आज राज लिखूँगापिता की आश माँ का ऊल्हाश लिखूँगा जो बहनो ने किए है त्पय मेरे लिए वो हर साँस लिखूँगाक़लम की निशानी बन जाए वो अन्दाज़ लिखूँगाकाव्य कविता रचना कर
आत्मतत्व से ही समस्त चराचर की सत्ताप्रायःसभी दर्शनों की मान्यता है कि जितना भी चराचर जगत है, जितना भी दृश्यमान जगत है – पञ्चभूतात्मिका प्रकृति है –उस समस्त का आधार जीवात्मा – आत्मतत्त्व ही है | वही परम तत्त्व है और उसी कीप्राप्ति मानव जीवन का चरम लक्ष्य है | किन्तु यहाँ प्रश्नउत्पन्न होता है कि आत्म
बड़े बड़े बैंकों में छोटी छोटी बातें होती रहती हैं. अब देखिये झुमरी तलैय्या की सबसे बड़ी ब्रांच के सबसे बड़े केबिन में सबसे बड़े साब गोयल जी बिराजमन थे. बड़ी सी टेबल पूरी तरह से ग्लास से ढकी हुई थी. एक तरफ कुछ फाइलें थी, अखबार थी, पेन स्टैंड था और फोन था. सामने तीन कुर्सियां थी
गीता और दुर्गा सप्तशतीआगामी 17 अक्तूबर सेशारदीय नवरात्र आरम्भ हो जाएँगे | लगभग सभी हिन्दू परिवारों में श्री दुर्गासप्तशती के पाठ के द्वारा माँ भगवती की पूजा अर्चना की जाएगी | दुर्गा सप्तशती याश्रीमद्भगवद्गीता का जब भी अध्ययन करते हैं तो बहुत से कथनों को पढ़कर कहीं न कहींदोनों में दृष्टि का और कथनों
कान की व्यथा कान की जुबानी इस दुनिया में कोई पूर्ण नहीं है… सभी अपूर्ण हैं। कोई सुखी नहीं है सभी दुखी हैं। जिसके पास सबकुछ है फिर भी वो उसका भोग आनन्द पूर्वक न करके जो नहीं है या जो अप्राप्य है उसके लिए दुखी है। सभी के मन में कोई न कोई व्यथा है जिसने आहत कर रखा है। औरों की बात तो छोड़ो एक दिन कान बेच
अपना दीपक स्वयं बनोअपना दीपक स्वयं बनों…. कथन तो एकदम सरल है। पर सारगर्भित है। सोचिए जरा 'अपना दीपक स्वयं बनों ' कहने का तात्पर्य क्या है..? इस बात को अच्छी तरह से समझने के लिए चिंतन व मनन की आवश्यकता है। दीपक से रोशनी मिलती है, दीपक से अँधेरे का नाश होता है, दीपक से हमारा जीवन पथ प्रकाशित होता है,
वक्री मंगल का मीन राशि में गोचरकल चार अक्तूबर अधिक आश्विन कृष्णतृतीया को प्रातः दस बजकर आठ मिनट के लगभग वणिज करण और हर्षण योग में वक्री होकर भूमिसुतमंगल का गोचर अपनी स्वयं की मेष राशि से अपने मित्र ग्रह गुरु की मीन राशि में रेवतीनक्षत्र पर होगा | चौदह नवम्बर को प्रातः लगभग छह बजकर दस मिनट से मंगल पु