जिंदगी क्या है , सुख दुख की एक रेल है किसको क्या मिला, सब भाग्य का खेल है कोई प्लेटफॉर्म पर पैदा होकर भी खुश है किसी को "राजमहल" भी लगता जेल है किसी को बिन मांगे ही मिल जाता है सब कु
आँखों में कुछ बनने का एक ख़्वाब सजाइये...
वो भी क्या दिन थे जब कॉलेज के पीछे दूर दूर तक फैले जंगल में मैं तुम्हारा इंतजार करता था और फिर मेरे साथ होती थीं मेरी बेचैनियां, बेताबियाँ और तुम । वो नजारा बड़ा खूब
Quotes on Teaचायहम रोज़ सुबह सुबह उठ तो जाते हैंमगर जागते चाय पीने के बाद हैंवहाँ सिर्फ चाय नहीं मिलतीवहाँ यार भी मिलते हैंअपनी सारी दास्तां सुना दी उसने मुझेजिसने कहा था हम तो आपके साथ बैठकर सिर्फ एक
सूखते हुए यूनिफार्म अप्रैल का महीना शुरू होगया है । मौसम तो इस वर्ष मार्च से ही काफी शुष्क और गर्म हो गया है, पर क्या पता शायद
प्रतिलिपि सखि, एक बात बताऊं । आजकल मेरा मन पैरोडी लिखने में बहुत लग रहा है । और न केवल लिखने में अपितु गाने में भी । कल मैंने एक पैरोड़ी लिखी थी न "जे हम तुम चोरी से" उसे गाकर रिकार्ड भी किया था । अब य
*हिन्दुस्तान यूनिलीवर* नामक विदेशी कंपनी का एक प्रोडक्ट है *फेयर &लवली जो कि अब ग्लो &लवली* नाम से जाना जाता है। इस फेस क्रीम के *50 ग्राम* पैकेट का मूल्य *110 रुपए* है। यह प्रोडक्ट
धन्यवाद पाकर शुभकामनाएं मन हुआ है गदगद दिल से दी गयी दुआएं करातीं अहसास सुखद मंगल कामनाओं के लिये करते आप सबका आभार आपकी भावनाओं के लिये है बारम्बार नमस्कार ☺️☺️🙏🙏🌻🌻
"फितरत" होती है कुछ लोगों की ऐसी ही फितरत मिल जाए माइक तो निकालेंगे ज़िंदगी भर की हसरत जब माइक पर आता है कोई नया वक्ता बड़े ध्यान से सुनते हैं उसको सारे श्रोता कुछ देर तक रहता है माइक उसके ह
"स्त्री थोड़ी पागल होती है न" चली आती है अपना घर छोड़कर पति का घर बसाने के लिए स्त्री थोड़ी पागल होती है न ओढ़कर सारी जिम्मेदारियां खुद ही बना लेती है निर्भर, पति को स्वयं पर स्त्री थोड़ी पागल ह
"अगर तुम न होते" (एक प्यार भरी पाती मोबाइल फोन के नाम) अगर तुम न होते टूर पर गए पति की मैं जोहती बाट चिन्ता में डूब न सुहाता कोई ठाठ ऑफिस से लौटती बिटिया गर हो जाती लेट मन घबराता और चिन्ता से दु
"वाट्स एप्प पर आप क्या हैं?" एक मेघ, जो गरजते हुए आता है, अपनी उपस्थिति दर्ज कराके बरसके खाली हो भाग जाता है। या छोटा सा बादल जो बरसा देता है बूँदें कभी कभार इतनी ही कि कोई देख पाता है,कोई नही
"आया बसन्त" बसन्त आया यह कैलेंडर बतलाता है सोशल मीडिया सारा पीतवर्ण हो जाता है
"त्यौहार" अब वाट्स एप्प पर झूले वाट्स एप्प पर ही बहार ऐसे ही मनते हैं अब हमारे सारे त्यौहार 😄😁🌷🌹
नया साल हो बेमिसाल हो मन में खयाल है बस यही धन धान्य हो खुश ग्राम्य हो सब मान्य हों कामना यही । शांति का सदा वास रहे सौहार्द आमो खास रहे देश में उन्नति चहुंओर हो प्
तेरे इश्क का गर मिले आसरा तो सूने दिल में बहार आ जाये रेशमी जुल्फों की गर मिले छांव तो तपत बदन को करार आ जाये एक मुद्दत से पले ख्वाब आंखों में इन शरबती आंखों के जाम मिलें इनमे
कुछ अच्छी सोच वाले लोगो को मेरी सोच अच्छी - खुली और विकासात्मक लगती है वर्ना ज्यादातर लोगो को तो मैं और मेरी सोच दोनों हमेशा ही और हर तरह से चुभती रहती है.....
जब से बदल गया है हमारा,सोने जगने का टाइम टेबल।तब से बढ़ता जा रहा है,शरीर में बीमारियों का लेवल।देर रात तक जाग कर,चलाते कंप्यूटर, मोबाइल, टीवी।फिर सुबह देर तक सोते,ऐसा करते हम बुद्धिजीवी।हर वक्त रखते म
*बुंदेली दोहा बिषय - मैंपर**1*कुत्ता कभउ नइ चाटता,सइ मैपर पैचान।जौ गुर तनक मिलौ हुए,साफ करत मैदान।।****2*मैपर में गुन भौत है,खाऔ जैसी चाय।निन्नै पेट वजन घटे,भरे पेट बढ़ जाय।।****© राजीव नामदेव "राना ल
सायों में रहने के आदीइतने भी ना हो जानाकी धूप से नज़रें मिला न सको। जो निकलो खुली हवा में तुमइतने तो निडर रहनाकि झोंकों से घबरा न सको। खुलकर जीने का स्वप्न देखनामगर सोते न रह जाना की उठ