भाजपा नेता विनोद कुमार सोनकर के नेतृत्व वाली लोकसभा की आचार समिति ने अपनी जांच पूरी कर ली है और मंगलवार को समिति बैठक कर मसौदा रिपोर्ट को अपनाने पर विचार कर सकती है। माना जा रहा है कि महुआ पर बड़ी कार्रवाई भी हो सकती है।
महुआ की मुश्किलें बढ़ीं।
कैश फॉर क्वेरी मामले में टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। भाजपा नेता विनोद कुमार सोनकर के नेतृत्व वाली लोकसभा की आचार समिति ने अपनी जांच पूरी कर ली है और मंगलवार को समिति बैठक कर मसौदा रिपोर्ट को अपनाने पर विचार कर सकती है। माना जा रहा है कि महुआ पर बड़ी कार्रवाई भी हो सकती है।
अयोग्य घोषित हो सकती हैं महुआ
जांच समिति मोइत्रा के खिलाफ सख्त कार्रवाई की सिफारिश कर सकता है, जिसमें मौजूदा लोकसभा की शेष सदस्यता के लिए अयोग्यता भी शामिल है। सोनकर की अध्यक्षता वाली समिति ने अपनी जांच पूरी कर ली है और अपने अंतिम विचार-विमर्श में की गई सिफारिशों को समिति के सदस्य अपना सकते हैं।
2005 के मामले को अपना सकती है समिति
बता दें कि 15 सदस्यीय समिति में भाजपा के सदस्यों का बहुमत है, जो मोइत्रा के खिलाफ लगे आरोपों पर गंभीर कार्रवाई भी कर सकते हैं। अधिकारियों का मानना है कि समिति 2005 के रिश्वत के बदले प्रश्न पूछने के मामले को भी अपना सकती है, जहां कई सदस्यों को निलंबित कर दिया गया था।
ऐसे संकेत भी मिले हैं कि समिति स्पीकर ओम बिरला को अपनी रिपोर्ट में महुआ मोइत्रा के खिलाफ बड़े एक्शन की सिफारिश कर सकती है।
यह है पूरा मामला
दरअसल, भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने महुआ मोइत्रा पर रिश्वत के बदले व्यापारी दर्शन हीरानंदानी के कहने पर अडानी समूह को निशाना बनाने वाले प्रश्न लोकसभा में पूछने का आरोप लगाया है।
उन्होंने आरोप लगाया कि महुआ ने लोकसभा के मेल आईडी का अपना लॉगइन हीरानंदानी को दे दिया था और वो इससे विभिन्न जगहों से प्रश्न डालता था।
दूसरी ओर महुआ ने भी माना है कि हीरानंदानी ने उनके लॉगिन का उपयोग किया है, लेकिन टीएमसी सांसद का कहना है कि उसने रिश्वत पाने के लिए नहीं किया है।