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काश्वी अब थोड़ी कंफर्टेबल हो गई, काश्वी ने उत्कर्ष से पूछा, “आपने मेरी फोटोग्राफ देखी हैं?” उत्कर्ष ने सिर हिला कर हां कहा और ये भी कहा कि काश्वी को पहला प्राइज देने का आखिरी फैसला उन्होंने ही लिया था

पहाड़ों की शाम बहुत शांत होती है यहां सच में आप महसूस कर सकते हैं कि शाम हो गई है बड़े शहरों की तरह यहां ट्रेफिक का शोर नहीं होता जिसमें पंछियों की आवाज गुम हो जाती हैं। यहां शाम होते ही पंछी अपने घरो

तेरह घंटे का सफर शुरू तो बहुत जोश के साथ हुआ लेकिन दिन चढ़ते-चढ़ते सबका जोश ठंडा होने लगा। बस में बातों का सिलसिला अहिस्ता अहिस्ता थमने लगा। अब बस, बस के चलने की आवाज और हवा का शोर सुनाई दे रहा है। हम

काश्‍वी के करियर का ये मोड़ उसके परिवार को नए उत्‍साह से भर गया। घर लौटते हुए सब इसी के बात करते रहे। पापा ने काश्वी से पूछा “एक महीने की वर्कशॉप, कब से जाना है?” “दो दिन बाद रजिस्ट्रेशन कराने जाना है

पिछले अध्यायों में हमने पढ़ा कि झारखंड के एमएलए की बेटी की शिखा की शादी की तैयारियाँ हो रही है और उसके कॉलेज के जमाने की सहेली मौलि शादी में आने वाली है। मौलि के आने की खबर से शिखा की खुशी का ठिकाना न

पिछले अध्यायों में हमने पढ़ा कि झारखंड के एमएलए की बेटी की शिखा की शादी की तैयारियाँ हो रही है और उसके कॉलेज के जमाने की सहेली मौलि शादी में आने वाली है। मौलि के आने की खबर से शिखा की खुशी का ठिकाना न

पिछले अध्यायों में हमने पढ़ा कि झारखंड के एमएलए की बेटी की शिखा की शादी की तैयारियाँ हो रही है और उसके कॉलेज के जमाने की सहेली मौलि शादी में आने वाली है। मौलि के आने की खबर से शिखा की खुशी का ठिकाना न

कविता शीर्षक - मेरे मित्र भूल जाते है सभी रिश्ते को पर मित्र हमेशा साथ निभाते है । ऐसे मित्र जो सबके काम आते है बहुत थोड़े मिल पाते है । दोस्ती में ना कोई दीवार होती है सिर्फ प्रेम की मीनार होत

कविता शीर्षक - मेरे मित्र भूल जाते है सभी रिश्ते को पर मित्र हमेशा साथ निभाते है । ऐसे मित्र जो सबके काम आते है बहुत थोड़े मिल पाते है । दोस्ती में ना कोई दीवार होती है सिर्फ प्रेम की मीनार होत

 निष्‍कर्ष की बात ने काश्‍वी की सारी खुशी को धुंधला कर दिया। थोड़ी देर पहले तक वो खुद पर इतरा रही थी लेकिन अब उसे खुद पर ही शक होने लगा। धीरे – धीरे निराशा उसे घेरने लगी और वो चुपचाप एक कोने में जाकर

काश्वी ने अपने पापा को काम्पिटीशन के बारे में बताया, वो इतनी खुश थी कि उसके पापा ने झट से हां कर दी, रात भर पूरा परिवार उसकी तस्वीरों में से 10 ऐसी तस्वीरें ढूंढता रहा जो उसके टेलेंट को सही - सही दिखा

काश्वी के बड़े होने के सिलसिले में कई मोड़ आए, कभी वो खुद से सवाल करती, तो कभी कोई उससे, कब खुश होती, कब उदास उसे खुद भी नहीं पता चलता, दूसरी लड़कियों से कुछ अलग थी, उसके पापा उससे अक्सर पूछते थे कि उ

"आज एक नई सुबह है, और इस नई सुबह की नई शुरुआत",खता- खत सिया अपने पुराने टाइपराइटर पर अपनी नई कहानी लिखे जा रही थी। महीने भर की कड़कती धूप के बाद दिल्ली में आज आखिरकार बारिश हुई थी। पूरा शहर उसी तरह

धानी चुनर ओढ़ प्रकृति शिवजी को रिझाने लगी है  हवा भी बादलों के साथ प्रेम गीत गुनगुनाने लगी है  सावन में बारिश की बूंदें दिल में प्रीत जगाने लगी है  पिया मिलन को आतुर गोरी ऐसे में अकुलान

गीत  बरसती हुई कायनात हो , घनी अंधेरी रात हो  ऐसे में हम तुम दोनों साथ हों, तो कोई बात बने  बादल से छम छम शराब बरसे  अंग अंग से नशीला शबाब छलके  इश्क का नशा चढ रहा हलके हलके&n

बड़ी मस्त मस्त एक हसीना थी  बड़ी खूबसूरत जैसे नगीना थी  छू लो तो छुइमुई सी मुरझा जाये  जरा सी धूप से वह कुम्हला जाये  बात बात पर हाय, ऐसे शरमाए  जैसे पूनम का चांद बदली में जाए

हमने तो आज तक यही सुना था कि हर लड़की हसीना ही होती है वह शक्ल सूरत से चाहे "टुनटुन" , शूर्पणखां या कुब्जा ही क्यों न हो । हसीना का एक सौन्दर्य शास्त्र होता है । वह चांद सी खूबसूरत होती है चाहे उसमें

भाग 36रामखिलावन ने एक लड़का और एक लड़की असिस्टेंट रख लिया था ,उसे और भी फिल्मे मिल गई थी ,असिस्टेंट रखने की वजह से उसे काम करने में आसानी हो रही थी, ,*"!!प्रियंका की फिल्म कंप्लीट हो गई थी , हरीश ने फ

भाग 35 धानी की बाते सुन दोनो चौकते हैं , !! धानी कहती है , *" मेरा अपना कोई नही है , सॉरी मैने उस दिन जो थप्पड़ मारा था वो मेरे घर का फ्रस्टेशन था,  हम प्यार भी अपनी मर्जी से नही कर सकते ,शादी तो

भाग 34मां की धमकी से रामखिलावन घबरा गया था , वह जानता था की उसकी मां बिदक गई तो उसे एक क्षण भी मुम्बई में नही रहने देगी , और वह इन फिल्मों का संवाद लिखकर अपनी एक छाप छोड़ना चाह रहा था, *"!!वह घर पहुंच

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