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"भाई....मेरा...मेरा मतलब था कि वोह टी वी पर आज शो लगने वाला है जिसमे एडुकेशन के बारे में बताया जाएगा ताकि हमे कुछ इन्फॉर्मेशन मिल सके।" नादिया अपनी उंगलिया चटकाते हुए बात बदल कर बोली। "इस टी वी से तुम

"मुझे.....मुझे छोड़ दो..मैं...मैं ने कुछ नही किया है???"वोह आदमी गिड़गिड़ाते हुए अपने सामने खड़े चेहरा मास्क से छुपाए हुए आदमी से बोला। "माफी....हाहाहाहा ड्रागो की अदालत में सिर्फ सज़ा होती है।" ड्रागो ने

सफलता के हुनर उन्हें आते हैं  दुनियादारी को जो जान जाते हैं  मतलब की तराजू पे तौल कर  नाते रिश्तों को वो निभाते हैं ।  झूठी मुस्कान सजाते हैं लबों पर  कातिल इरादों को जो छुपात

आषाढ का महीना आषाढ़ का महीना अपने अंतिम दिन गिन रहा था । अब कुछ दिनों का ही मेहमान था वह । जिस तरह जब किसी व्यक्ति के "अंतिम दिन" आते हैं तो उससे मिलने नाते रिश्तेदार , अड़ोसी पड़ोसी , यार दोस्त

ज्ञान का गुरुकुल  - 3 आज सुबह सुबह मेरे मित्र हंसमुख लाल जी किसी नौजवान के साथ आये और कहने लगे : भाईसाहब , अपने " ज्ञान के गुरुकुल" की ख्याति दूर दूर तक फैल चुकी है । बड़ी संख्या में लोग इसम

ज्ञान का गुरुकुल  - 2 हमारे घुटन्ना मित्र हंसमुख लाल जी ने हमें एक ज्ञान का गुरुकुल खोलने का सुझाव दिया था । मैं माथापच्ची कर रहा था कि उस गुरुकुल का नाम क्या रखूं ? हंसमुख लाल जी ने कहा " ह

कलेक्टर और एस पी साहब सामने स्टेज पर सजी दो कुर्सियों पर बैठ गये । उनके बैठने के बाद समस्त अधिकारी भी अपने अपने स्थान पर बैठ गये । कार्यक्रम का संचालन एक विद्यालय के हिन्दी के व्याख्याता आनंद राज "दुख

यह कैसा दौर है सफर का अब मिले भी या ना मिले , एक अनजान सफर में चलने की गुजारिश सी हो गयी ..... देखो यहां कौन किसके लिए रुका  है इस जहां में , आगे बढ़ते रहने की फितरत जुनून सी हो गयी... सपनों के

ज्ञान का गुरुकुल  - 1 आज सुबह सुबह श्रीमती जी से बहस हो गई । अजी , बहस करने की हिम्मत कहां है हमारी । यों कहो कि कहा सुनी हो गई । कहा सुनी का मतलब तो आप सभी ज्ञानी लोग जानते ही हैं कि कहने व

"बाड़ाबंदी" की सफल ईवेंट होने के बाद कलेक्टर अविनाश का रुतबा अचानक बढ गया । मुख्यमंत्री जी के प्रधान सचिव ने स्वयं फोन करके उसकी तारीफों के पुल बांध दिए और कहा "पहली पोस्टिंग के शुरुआती दिनों में ही ज

भाग 30रामखिलावन की बात सुन प्रिया को अच्छा नही लगता है, ,**!!वह कहती है ,*" सर आज तो पढ़ाई नही कर पाएंगे ,आप चाहे तो रुकिए या फिर शाम को आ जाइए ,और ये जो गिफ्ट मिला है ना वह मत पहन कर आना जो मैने दिया

भाग 29जे पी सिंह के बहुत गिड़गिड़ाने पर धानी लेटर साइन करती है ,!!जे पी सिंह उस से कहता है,"" तुमने आज मेरे लिए जो किया हैं ना वह में कभी भूल नही सकता ,अब ये तो फिक्स हो गया की मेरी कोई भी  फिल्म

भाग 28मंजू रामखिलावन को मिठाई लाकर खिलाती  है, और कहती है ,*"बहुत बहुत शुक्रिया मास्टर जी ,हमारे इस बुद्धू पतिदेव को अकल देने के लिए ,अब मैं शुकून की मौत मार सकूंगी ,वरना मरने के बाद मेरी आत्मा भ

भाग 27रामखिलावन की दलीलें सुन कर ,प्रियंका भौचक्की सी रह जाती है , उसे लगता है कहा उसने गलत  तार को छेड़ दिया ,!!वह कहती है ,*" देखो , खिलावन जी ,आप बार बार मुझपार अहसान मत लादिए कभी आप भी सड़क प

भाग 26 मौसी के बुलाने पर सभी लोग बाहर आते हैं , तभी कुमुद भी आ जाता है , वह प्रियंका को देख चौकता है ,,!!कुमुद कहता है ,*" मरखनी  गाय सीधी हो गई क्या ,!?रामखिलावन धीरे से उसके कान में &

भाग 25 रामखिलावन बुझे मन से सारा के सोसाइटी  से बाहर आता है , फिर अपने घर कॉल करता है ,तो करुणा फोन उठाती है ,वह चहकती हुई कहती है ,*" भईया गोड़ लगातानी , इंजा त कुंवर साहब का बाद नाम हो गइल

मुक्तक   रिश्तों को सबने मतलब की तराजू में तोला है  जिससे मतलब निकल गया उसे बाय बोला है  तब तक वे मेरे साथ थे जब तक इशारे पे चला  खुद को अकेला पाया जब भी ये मुंह खोला है 

लाइफलाइन कहावत है "बिन गृहणी घर भूतों का डेरा" । इस पर आज सुबह सुबह बहस हो गई । श्रीमती जी बोलीं "अगर मैं नहीं रहूं तो यह घर भूतों का डेरा बन जाएगा । आपने कभी मेरी वैल्यू नहीं समझी मगर आपको पता च

डायरी सखि, आज तो बहुत दिनों के बाद तुमसे मुलाकात हो रही है सखि । इतने विलंब से मिलने का कारण वही है सखि जो मैंने तुम्हें पहले बताया था । मैं अपनी दूसरी पुस्तक "यक्ष प्रश्न" के लिये रचनाओं की प्रू

भाग 24सब चाय नाश्ता करते है , मौसी जी अपने भतीजे की तारीफ पर तारीफ किए जा रही थी ,!!जे पी सिंह कहते हैं ,*" कमलेश बाबू अब हमे आज्ञा दीजिए , हम चलेंगे ,*"!!रामखिलावन कहता है , *" हमे भी तो चलना है , पू

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