तेरी याद की बदली जब छाती है
रिमझिम सावन साथ ले आती है
भीगने लगता है तपता हुआ मन
ये बेजान जिंदगी थम सी जाती है
वो बीते हुए पल तैरते हैं आंखों में
जलन सी महसूस होती है सांसों में
दिल न जाने कहां से दरक जाता है
तू ही तू दिखाई देती है मेरे ख्वाबों में
बड़ा बेमुरोव्वत होता है दर्द ए जुदाई
छलनी कर जाता है तीर ए बेवफाई
काश, तू भी आ जाती एक बार यहां
बस, आती रहती है तेरी याद हरजाई
श्री हरि
24.7.22