मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री का फैसला दिल्ली में पार्टी के संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद होना है। इसको लेकर तरह-तरह के कयास जरूर लगाए गए। इसके लिए प्रदेश के कई भाजपा दिग्गज दिल्ली पहुंचे। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव व इंदौर-एक से विधायक चुने गए कैलाश विजयवर्गीय सोमवार सुबह ही दिल्ली रवाना हो गए। वहीं सीएम शिवराज भोपाल में ही रहे।
मुख्यमंत्री का फैसला दिल्ली में पार्टी के संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद होगा।
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव का परिणाम आने के दूसरे दिन सोमवार को भोपाल में कोई बड़ी सियासी हलचल नहीं रही। सबकी निगाहें पूर्ण बहुमत मिलने के बाद मुख्यमंत्री के पद को लेकर भाजपा आलाकमान के निर्णय पर लगी रहीं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान निश्चिंत दिखाई दिए। सोमवार को वह पूरे दिन मुख्यमंत्री आवास पर ही रहे। सुबह से उन्हें बधाई देने वालों की भीड़ लगी रही। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमल नाथ भी शिवराज सिंह को भाजपा की जीत की बधाई देने मुख्यमंत्री आवास पर पहुंचे।
दिल्ली में होगा फैसला कौन होगा मुख्यमंत्री, राजधानी रवाना हुए विजयवर्गीय
मुख्यमंत्री का फैसला दिल्ली में पार्टी के संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद होना है। इसको लेकर तरह-तरह के कयास जरूर लगाए गए। इसके लिए प्रदेश के कई भाजपा दिग्गज दिल्ली पहुंचे। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव व इंदौर-एक से विधायक चुने गए कैलाश विजयवर्गीय सोमवार सुबह ही दिल्ली रवाना हो गए। उनके समर्थक और प्रदेश में सबसे ज्यादा मतों से जीत दर्ज करने वाले विधानसभा क्षेत्र इंदौर-दो से विधायक रमेश मेंदोला ने खुद को मंत्री बनाए जाने को लेकर पूछे एक सवाल के जवाब में कहा कि लोग कैलाश विजयवर्गीय को मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं। यह जनभावनाएं हैं कि वे प्रदेश के मुख्यमंत्री बनें।
इसी बीच, मध्य प्रदेश के प्रभारी और राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश भी सोमवार को दिल्ली में थे। माना जा रहा है कि आगामी एक-दो दिन में विधायक दल की बैठक बुलाई जा सकती है, इसके लिए केंद्रीय नेतृत्व पर्यवेक्षक भेजेगा, जो मुख्यमंत्री के चयन के संबंध में आलाकमान के निर्णय से अवगत कराएंगे।
मैं वर्ष 2020 में दिल्ली नहीं गया तो अब क्यों जाऊंगा : कमल नाथ
मुख्यमंत्री आवास से बाहर निकलते समय पर पत्रकारों से बातचीत में कमल नाथ ने साफ किया वह मध्य प्रदेश में ही राजनीति करेंगे। उन्होंने कहा, जब वर्ष 2020 में (सरकार गिरने पर) दिल्ली नहीं गया तो अब क्यों जाऊंगा।
कमल नाथ ने कहा कि जब मैं मुख्यमंत्री बना था तो शिवराज सिंह चौहान मुझसे मिलने आए थे और बधाई दी थी। अब उनकी पार्टी जीती है मैं शुभकामना देने आया था। हार के कारणों पर उन्होंने कहा कि मंगलवार को प्रत्याशियों की बैठक बुलाई है। उन्हीं से हार की वजह जानेंगे, इसके बाद ही कुछ बता पाएंगे। विरोधी दल में रहने के बाद भी प्रदेश के विकास के लिए हम मिलकर काम करेंगे। बेरोजगारी, कृषि की समस्याएं समेत प्रदेश में कई दिक्कतें हैं जिनके समाधान के लिए काम करेंगे।