सुनो, बहुत दुष्कर है तुम्हारे लिए, मुझे स्पर्श कर पाना, तब जबकि मैं मुझ सा मुझमें हूँ । और, असंभव है तब तो, जब मैं मुझ सा, तुझमें हूँ । @नील पदम्
दर्द से इस कदर तड़प रहा था वो कि, अपना दर्द भूल कर उसको दवा दे दी, इस तरह तो कुछ ऐसा हुआ कि, जज को किसी मुल्जिम ने सजा दे दी । @नील पदम्
कुछ भरे-भरे से हैं हम, ये जान कर, वो भी भर आये, मुझे अपना मान कर, और भर लिया हमें अपने आलिंगन में अपने, हम और भी भर आये, इतना पहचान कर । @नील पदम्
सर्द रात का कहर,यूं थमता हर पहर,कर रहे मिलकर ये इशारा,दहशत पूछ रही पता हमारा...सन्नाटे का बढ़ता शोर,फ़ैल गया है चारों ओर,बनकर वक़्त भी काला चोर,अंधेरे में घूम रहा हर ओर...आजमाइश की ये तपती रेत,बनाकर ह
एक कहानी मेरी शुरू करता हूं आज से, मैं बीटेक की पढ़ाई खत्म करने के बाद खुद को जॉब के लिए तैयारियों में लगा हुआ था ओर साथ ही साथ मैं उसके प्रेम में पड़ चुका था। अब मैं घर से पुनः उसी जगह आ चुका था जहा
एक समय की बात है, एक छोटे से गांव में एक गरीब परिवार रहता था। वहां के लोग गर्मजोशी और एकता से जुड़े रहते थे। उनका एक बेटा राकेश बहुत ही उत्साही और सामाजिक सेवा के प्रति समर्पित था। एक दिन गांव में
।।अथ शाबरीकवचपाठ ।।ॐ सर्व विघ्ननाशाय । सर्वारिष्टनिवारणाय । सर्वसौख्यप्रदाय । बालानां बुद्धीप्रदाय । नानाप्रकारकधनवाहनभूमिप्रदाय । मनोवांछितफलप्रदाय । रक्षां कुरु कुरु स्वाहा ।। ॐ गुरवे नम: । ॐ श्रीकृ
।।अथ शाबरीकवचपाठ ।।ॐ सर्व विघ्ननाशाय । सर्वारिष्टनिवारणाय । सर्वसौख्यप्रदाय । बालानां बुद्धीप्रदाय । नानाप्रकारकधनवाहनभूमिप्रदाय । मनोवांछितफलप्रदाय । रक्षां कुरु कुरु स्वाहा ।। ॐ गुरवे नम: । ॐ श्रीकृ
दिल से पुकारो! मददगार ही मददगार दिखाई देंगे... (𝓐 𝓼𝓽𝓸𝓻𝔂 𝓸𝓯 𝓒𝓪𝓻 𝓟𝓪𝓷𝓬𝓱𝓻) जनवरी 2023 की बात है अपने कुछ दोस्तों के साथ एक सरिस्का ट्रिप से वापस आ रहा था , सुबह 08 बजे निकलते थे और सफर
रिवर्स साइकोलॉजी क्या है? रिवर्स साइकोलॉजी एक मनोविज्ञानिक सिद्धांत है जिसमें मनोवैज्ञानिक विचार और तकनीकों का उपयोग करके व्यक्ति के व्यवहार के पीछे छिपे मन की प्रक्रिया और संवेदनशीलता को समझने का
अब तक आपने पढ़ाआदि अपने दोस्तो से हट कर एक कोने में खड़ा हो गया और अनिका को देखने लगा । अब आगेअनिका को भी आज थोड़ा अजीब लग रहा था , वो समझ नहीं पा रही थी , कि आदि के देखने से आज उसे ऐसे क्यों हो
बहूत ख़ुशनसीब होंगे वो दीवाने, जिन्हें तुम्हारी मुस्कान मिल जाती होगी ।। उनकी शाम मस्तानी होती होगी, जिन्हें तुम्हारी एक झलक दिख जाती होगी ।। देख तुम्हे यूँ मुझे लगता है, तुम वो फूल हो जिसे पा
नोट: यह कहानी एक भयानक वातावरण और डरावनी घटनाओं का वर्णन करती है। इस कहानी का नाम है "भूत घर" एक छोटे से गांव में एक भूत घर था। यह घर एक अलग ही जगह पर था, जो दरवाजे से एक बड़े पेड़ के पास था। वह घर काफ
नोट: यह कहानी एक भयानक वातावरण और डरावनी घटनाओं का वर्णन करती है। इस कहानी का नाम है "भूत घर" एक छोटे से गांव में एक भूत घर था। यह घर एक अलग ही जगह पर था, जो दरवाजे से एक बड़े पेड़ के पास था। वह घर काफ
ये गलती कभी ना ब्लॉगर करें।(Bloggers ever make this mistake) और हमें हमेशा अपने माता-पिता की सेवा करनी चाहिए आर्टिकल लिखना कोई बहुत बड़ी बात नहीं है और ना ही ऑनलाइन माध्यम से पैसा कमाना कोई बहुत
जो बीत गया सो बीत गया , उस पर क्यों शोक मनाते हो , जो छूट गये सो छूट गये, उस पर क्यो अश्रु बहाते हो , जो है अभी उस पर क्यों नहीं चिंतन करते हो , जो बीत गया सो बीत
पहली मुलाकात कशिश जो कि एक फोटोग्राफर है। वह उज्जैन की नदी के किनारे फोटो ले रही थी तभी वह देखती है कि एक लड़का मदहोश होकर नदी के गहराइयों के बीच जाता जा रहा था उसे अपना हो
ये आराम बहुतो को कम नसीब है । ये महल ये जमीन ये प्रॉपर्टी कितने लोगों के पास है;जो तुम्हें नसीब है । ये परिवार,पद तुम्हारा ऑफ़िस जो घर से नजदीक है बहुतो को कम नसीब है ।ये कम्युनिकेशन मोबाइल की द