मित्र तुम श्री रामचरितमानस जरूर पढ़ना।।..
जीवन के अनुबंधों को,
तिलांजलि संबंधों को,
टूटे मन के तारो को,
फिर से नई कड़ी गढ़ना,
मित्र तुम श्री रामचरितमानस पढ़ना।।
बेटी का धर्म निभाने को,
पत्नी का मर्म सिखाने को,
भाई का प्रेम बताने को,
हर चौपाई दोहा सुनना,
मित्र तुम श्री रामचरितमानस पढ़ना।।
लक्ष्मण से सेवा त्याग सीखना,
श्री भरत से राज विराग सीखना,
प्रभु का सबसे अनुराग सीखना,
फिर माता सीता को गुनना,
मित्र तुम श्री रामचरितमानस पढ़ना।।
केवट की भक्ति भरी गगरी,
फल मीठे बेर लिए शबरी,
है धन्य अयोध्या की नगरी,
अवसादों में जब घिरना,
मित्र तुम श्री रामचरितमानस पढ़ना।।
न्याय नीति पर राम अड़े,
संग सखा वीर हनुमान खड़े,
पशु-पक्षी तक हैं युद्ध लड़े,
धन्य हुआ उनका तरना,
मित्र तुम श्री रामचरितमानस पढ़ना।।
जो राम नाम रघुराई है,
जीवन की मूल दवाई है,
हर महामंत्र चौपाई है,
सिताराम नाम जपते रहना,
मित्र तुम श्री रामचरितमानस पढ़ना।।
जगती में मूल तत्व क्या है?
राम नाम का महत्व क्या है?
संघर्ष में राम रामत्व क्या है?
संकट में जब तुम फंसना,
मित्र तुम श्री रामचरितमानस पढ़ना।।
हर समाधान मिल जाता है,
कोई प्रश्न ठहर नहीं पाता है,
बस राम ही राम सुहाता है
श्री राम है वाणी का गहना,
मित्र तुम श्री रामचरितमानस पढ़ना।।