उसने कहा था मैं कभी भी, तेरे पास आ जाऊंगी
तुम्हारा जीवन एक क्षण में, समाप्त कर जाऊंगी
संसार कहता मौत मुझे, काम यही है केवल मेरा
मेरे आगे नहीं चलेगा, तेरे तन पर कभी वश तेरा
दबे पांव और बिना बताए, आती हूँ सबके पास
जब कोई मरता तब, किसी को ना होता विश्वास
मैंने भी सोचा चलो मौत का, हम इन्तजार करेंगे
चाहता नहीं कोई भी उसको, किन्तु हम ना डरेंगे
आई नहीं वो पास मेरे, करता ही रहा मैं इन्तजार
उसका आलिंगन करने को, मैं था पूरा ही तैयार
उसका मिला इशारा कि, मैं अकेली नहीं आऊंगी
यमराज संग जाना तुझे, उसे भी साथ ले आऊंगी
व्यस्त बहुत रहता है वो, लोगों को लेकर जाने में
इसी कारण तो देर हो रही, उसे तुझे लेने आने में
ध्यान दे अपने कर्मों पर, तू छोड़ इन्तजार करना
मैं तुझे भी लेने आऊंगी, जब होगा तुझको मरना
मौत की प्रतीक्षा करना, इस तरह से हुआ बेकार
श्रेष्ठ कर्म करने की खातिर, जीना किया स्वीकार
आई नहीं मौत मुझे, ना यमराज मुझे लेने आया
सब काम होते समय पर, समझ मुझे अब आया