मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने प्रत्याशियों की चौथी सूची जारी कर दी। इस सूची में भाजपा ने 57 प्रत्याशियों के नामों का एलान किया। विगत चुनाव परिणाम को देखें तो भाजपा की हार के पीछे की एक वजह वोटर्स की नाराजगी भी थी क्योंकि 11 सीटों पर वोटर्स ने नोटा को हार-जीत के अंतर से ज्यादा वोट दिए थे।
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने प्रत्याशियों की चौथी सूची जारी कर दी। इस सूची में भाजपा ने 57 प्रत्याशियों के नामों का एलान किया। इनमें 24 मंत्री और बाकी विधायक शामिल हैं।
भाजपा की चौथी सूची को देखकर ऐसा प्रतीत हो रहा है कि पार्टी को 2018 विधानसभा चुनाव के परिणाम याद नहीं है। तभी तो भाजपा ने इस सूची में उन विधायकों को भी चुनावी मैदान में फिर से उतार दिया, जिनके खिलाफ कार्यकर्ताओं में गुस्सा और एंटी इनकम्बेंसी देखने को मिली थी।
11 सीटों पर NOTA पर पड़े ज्यादा वोट
विगत चुनाव परिणाम को देखें तो भाजपा की हार के पीछे की एक वजह वोटर्स की नाराजगी भी थी, क्योंकि 11 सीटों पर वोटर्स ने नोटा (NOTA) को हार-जीत के अंतर से ज्यादा वोट दिए थे। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि वोटर्स भाजपा से नाराज थे, इसीलिए कांग्रेस को वोट न देकर उन्होंने नोटा को एक विकल्प के रूप में चुना था।
230 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा को 109, कांग्रेस को 114 सीट मिली थी, जबकि बसपा को दो और सपा के हिस्से में एक सीट आई थी। हालांकि, कांग्रेस ने कमलनाथ के नेतृत्व में निर्दलियों के सहारे सरकार का गठन किया था। खैर वो अलग बात है कि मार्च 2020 में कांग्रेस सरकार गिर गई थी।