नवरात्र का पर्व हर जगह बहुत ही धूमधाम से मनाया जा रहा है। आज यानी नवरात्र के चौथे दिन मां कूष्मांडा की आराधना की जाती है। देवी मां के इस रूप को पूजा करने से भक्तों को संकटों से मुक्ति मिलती है। माता कूष्मांडा को अधिष्ठात्री देवी भी कहा जाता है आइए जानते हैं मां को प्रसन्न करने के लिए भोग में क्या लगाएं।
इस दिन मां कूष्मांडा की होती है पूजा।
आज शारदीय नवरात्र का चौथा दिन है। इस दिन मां कूष्मांडा की पूजा अर्चना की जाती है। हिंदू मान्यता के अनुसार, दुर्गा मां के इस रूप की आराधना करने से देवी आशीष प्रदान करती हैं और सभी दुखों का नाश होता है।
हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, मां कुष्मांडा की मुस्कान की एक झलक ने पूरे ब्रह्मांड का निर्माण किया। इन्हें अष्टभुजा देवी के रूप में भी जाना जाता है। अगर आप इस त्योहार को मना रहे हैं, तो आपको मां कुष्मांडा की पूजा जरूर करनी चाहिए। तो आइए जानते हैं, नवरात्र के चौथे दिन का महत्व।
नवरात्रि का चौथा दिन समृद्धि और शांति का प्रतीक है। इस दिन देवी कुष्मांडा को पीले रंग के फूल या चमेली का फूल अर्पित करना चाहिए। माता को श्रृंगार में सिन्दूर, काजल, चूड़ियां, बिंदी, बिछिया, कंघी, दर्पण और पायल भी अर्पित कर सकते हैं। मां कुष्मांडा को मालपुआ का भोग लगा सकते हैं।
मालपुआ कैसे बनाएं
सामग्री
सूजी- एक कप, चीनी- आधा कप, दूध- एक कप, ड्राई फ्रूट्स- एक चम्मच, इलायची पाउडर- एक चमम्च, घी- आवश्यकतानुसार
बनाने की विधि
सबसे पहले चीनी की चाशनी तैयार कर लें।
अब एक बाउल में दूध लें, इसमें सूजी मिलाएं।
इस मिश्रण से गाढ़ा घोल तैयार कर लें, इसे कुछ देर के लिए अलग रख दें।
अब एक पैन गर्म करें, इसमें घी डालें।
फिर घोल में ड्राई फ्रूट्स और इलायची पाउडर मिलाएं।
अब करछुल की मदद से गर्म घी में घोल डालें और इसे थोड़ा फैलाकर छोटा पैनकेक बना लें।
दोनों तरफ से इसे पका लें, अब इसे चीनी की चाशनी में डुबा दीजिए।
कुष्माण्डा का नाम उनके रूप के आधार पर है, जिन्होंने अपने स्वरूप को महाकाली रूप में प्रकट किया है। वे एक मणि और शंख धारण करती हैं और अपने चारों हाथों में कद्दू (पम्पकिन) का रूप धारण करती हैं।
कुष्माण्डा का चित्रण भयंकर और प्राकृतिक शक्तियों के प्रतीक के रूप में होता है। उनकी पूजा से भक्त भयभीतता और अंधकार से मुक्ति की प्राप्ति की प्रार्थना करते हैं।
चौथे दिन कुष्माण्डा की पूजा करते समय, भक्त उनके पास कद्दू का अर्पण करते हैं, जो उनकी कृपा और आशीर्वाद के रूप में माना जाता है।
कुष्माण्डा का भक्ति और पूजा करने से विशेष रूप से मां दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है और भक्तों को शक्ति, सौभाग्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
कुश्मांडा माता की पूजा नवरात्रि के उत्सव के तहत महत्वपूर्ण है, और भक्त इसे दिल से मानते हैं और उनके आशीर्वाद का प्राप्ति करने की कामना करते हैं।