नवरात्रि में जिस श्रद्धापूर्वक कलश स्थापना होती है, उसी तरह इसे हटाना भी जरूरी होता है. यदि आप गलत तरीके से नारियल हटाते या प्रयोग करते हैं तो इससे इसका अपमान होता है. ऐसे में आपको नवरात्रि में किए गए पूजा-व्रत का फल नहीं मिलता है. आइए ज्योतिषाचार्य से जानते हैं कि नवरात्रि के बाद कलश में रखे नारियल का क्या करना चाहिए?
गलत तरीके से नारियल को हटाने से इसका अपमान होता है।
शक्ति स्वरूपा मां दुर्गा के महापर्व के 4 दिन हो गए हैं।इस साल शारदीय नवरात्रि 15 अक्टूबर 2023 से शुरू होकर 23 अक्टूबर 2023 को समाप्त होंगी।नवरात्रि में पूरे 9 दिन पूजा-पाठ के साथ व्रत रखा जाता है। दरअसल, नवरात्रि एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ है ‘9 रातें’. इन 9 रातों और 10 दिनों के दौरान भक्त शक्ति की देवी मां जगदंबा के नौ रूपों की पूजा करते हैं। नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना या घटस्थापना के साथ इसकी शुरुआत होती है। इस दौरान एक नारियल रखकर कलश स्थापना या घटस्थापना होती है।लेकिन, क्या आप जानते हैं कि नवरात्रि के बाद इस नारियल का क्या होता है।हालांकि, इस तरह के सवाल कई लोगों के मन में होते हैं।
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, जिस श्रद्धापूर्वक कलश स्थापना होती है, ठीक उसी तरह इसे हटाना भी जरूरी होता है। यदि आप गलत तरीके से नारियल को हटाते हैं या नारियल का प्रयोग करते हैं तो इससे इसका अपमान होता है और आपको नवरात्रि में किए गए पूजा-व्रत का फल नहीं मिलता है।आइए उन्नाव के ज्योतिषाचार्य पं. ऋषिकांत मिश्र शास्त्री से जानते हैं कि नवरात्रि के बाद कलश में रखे नारियल का क्या करना चाहिए?
कलश स्थापना में रखे नारियल का क्या करे?
पूजा स्थल पर रखें: नवरात्रि में स्थापित किए गए नारियल की अनदेखी नहीं करनी चाहिए।क्योंकि, कई लोग नवरात्रि समाप्त होने पर नारियल गलत तरह से हटाते या प्रयोग कर लेते हैं। ऐसा करने से उन्हें 9 दिन की पूजा का फल नहीं मिल पाता। बता दें कि, कलश पर रखे नारियल में माता रानी की विशेष कृपा होती है। ऐसे में नवरात्रि के बाद इस नारियल को लाल रंग के कपड़े में लपेटकर पूजा स्थल पर रखें।ऐसा करने से मां प्रसन्न होती हैं और मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं।
प्रसाद के रूप में खाएं: नवरात्रि में स्थापित कलश के ऊपर रखे नारियल को 9 दिन बाद विधि-विधान से हटाना चाहिए। इसके बाद इसको आप नदी या बहते पानी में प्रवाहित कर सकते हैं।या फिर बेहतर होगा कि आप इसको प्रसाद के रूप में कन्याओं को बांटें और स्वयं भी खाएं।ऐसा करने से आप मां से सुख-समृद्धि पा सकते हैं।
चावल भी प्रवाहित करें: हिंदू धर्म में पूजा-पाठ के बाद पूजा की सामग्री को जल में प्रवाहित करना सबसे उत्तम माना जाता है।चाहें वह नारियल हो या फिर कलश के नीचे रखे चावल।नवरात्रि के बाद सभी को जल में प्रवाहित जरूर करना चाहिए।दरअसल, ऐसा करने से कोई दोष नहीं लगता और पूजा का संपूर्ण फल प्राप्त होता है।