आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया। जिसमें उन्होंने कहा कल मैंने प्रगति के 43वें संस्करण की अध्यक्षता की जहां 7 राज्यों में 31000 करोड़ रुपए से अधिक की परियोजनाओं की समीक्षा की गई। पीएम गति शक्ति नेशनल मास्टर प्लान पोर्टल को और भी प्रभावी बनाने के तरीकों पर भी चर्चा की गई।
PM मोदी ने की प्रगति के 43वें संस्करण की अध्यक्षता।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते बुधवार (25 अक्टूबर) को देश भर में फैले आठ प्रोजेक्ट में लगने वाली 31 करोड़ रुपए की राशि के संबंध में 'प्रगति बैठक' आयोजित की। इस दौरान बैठक में सभी परियोजनाओं की समीक्षा की गई।
वहीं, आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया। जिसमें उन्होंने कहा, कल, मैंने प्रगति के 43वें संस्करण की अध्यक्षता की, जहां 7 राज्यों में 31,000 करोड़ रुपए से अधिक की परियोजनाओं की समीक्षा की गई। पीएम गति शक्ति नेशनल मास्टर प्लान पोर्टल को और भी प्रभावी बनाने के तरीकों पर भी चर्चा की गई।
देश के 7 राज्यों में आयोजित होंगी ये परियोजनाएं
एजेंसी के अनुसार, एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि ये प्रोजेक्ट देश के विकास और तरक्की से जुड़े हैं। जिनमें मेट्रो रेल कनेक्टिविटी, दो राष्ट्रीय राजमार्ग, जल आपूर्ति एवं सिंचाई शामिल हैं। ये परियोजनाएं देश के सात राज्य बिहार, झारखंड, हरियाणा, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, गुजरात एवं महाराष्ट्र में लागू होंगी।
प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान पोर्टल उपग्रह इमेजरी जैसी प्रौद्योगिकियों के साथ मिलकर परियोजनाओं के लिए स्थान और भूमि आवश्यकताओं से संबंधित कार्यान्वयन और योजना के विभिन्न मुद्दों को संबोधित करने में मदद कर सकता है।
नोडल अधिकारी और टीमें बनाई जाएं- पीएम
प्रेस नोट से मिली जानकारी के अनुसार, बैठक में कुल आठ परियोजनाओं की समीक्षा की गई। इनमें से चार परियोजनाएँ जल आपूर्ति और सिंचाई से संबंधित थीं, दो परियोजनाएँ राष्ट्रीय राजमार्गों और कनेक्टिविटी के विस्तार के लिए और दो परियोजनाएँ रेल और मेट्रो रेल कनेक्टिविटी से संबंधित थीं। इन परियोजनाओं की संचयी लागत लगभग रु. 31,000 करोड़ है।
उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि उच्च जनसंख्या घनत्व वाले शहरी क्षेत्रों में परियोजनाओं को क्रियान्वित करने वाले सभी हितधारक बेहतर समन्वय के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त करें और टीमें बनाएं।
सिंचाई परियोजनाओं के लिए, प्रधानमंत्री ने सलाह दी कि हितधारकों के दौरे आयोजित किए जाएं जहां सफल पुनर्वास और पुनर्निर्माण कार्य किया गया है।
ऐसी परियोजनाओं का परिवर्तनकारी प्रभाव भी दिखाया जा सकता है। यह हितधारकों को परियोजनाओं के शीघ्र निष्पादन (early execution of projects) के लिए प्रेरित कर सकता है।