रामलला के लिए मुस्लिम परिवार की कारसेवा, बना दी भव्य मूर्तियां, देवी प्रतिमा बनाने में भी महारत
16 दिसम्बर 2023
7 बार देखा गया 7
अयोध्या राम मंदिर के प्रथम तल का निर्माण पूरा होने के साथ ही श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास ने मंदिर रामलला के प्राण प्रतिष्ठा तैयारी चल रही है। मंदिर परिसर के साथ पूरी जन्मभूमि क्षेत्र को भव्य रूप दिया जा रहा है। मंदिर ट्रस्ट कार्यक्रम को एक बड़े स्तर पर आयोजित करेगा, जिसमें पीएम मोदी भी शामिल होंगे। इस बीच राम मंदिर ट्रस्ट अयोध्या में भगवान राम मंदिर को पूरे भारत ही नहीं दुनिया में आध्यात्मिक केंद्र के रूप में स्थापित करने का उद्देश्य है। मंदिर के निर्माण में साथ ट्रस्ट सर्वधर्म समभाव के भी संदेश देने की योजना है। रामलला के मंदिर निर्माण के साथ परिसर में लगने वाली मूर्तियां पश्चिम बंगाल के एक मुस्लिम परिवार ने बनाई हैं।
सदियों बाद मंदिर और मस्जिद विवाद के उलझन से उबरने के बाद राम नगरी से एक बार फिर शांति और सद्भावना का संदेश दिया जा रहा है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास (राम मंदिर ट्रस्ट) ने रामलला की मूर्ति बनाने का जिम्मा किसी सनातनधर्मी नहीं बल्कि एक मुस्लिम परिवार को सौंपा। वजह साफ है कि ट्रस्ट मंदिर निर्माण में अन्य धर्म के अनुयायियों को भी कारसेवा का मौका देना चाहता है।
दरअसल, ट्रस्ट का मानना है कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम का जीवन वैश्विक समाज के लिए अनुकरणीय है। दुनिया के कई धर्म सनातन के आदर्शों पर ही बने हैं। ऐसे में व्यापक रूप से अयोध्या में बन रहा मंदिर पूरी दुनिया के लिए धर्म का केंद्र होगा। ऐसे में मंदिर निर्माण के लिए की जा रही कारसेवा में पश्चिम बंगाल के जमालुद्दीन का भी ट्रस्ट ने सहयोग लिया है।
रामलला की मूर्ति कौन बना रहा है इस सवाल पर मंदिर ट्रस्ट के सचिव चंपत राय ने साफ कहा कि मूर्ति वहीं बनाएगा जो उसका जानकार होगा। तकनीकी काम वहीं करता है जो उसका जानकार होता है। तकनीक को मनुष्य-मनुष्य का भेद करके नहीं देखा जाता है। चंपत राय ने कहा कि इसे तीन लोग मिलकर बना रहे हैं।
मैं शाजापुर मध्य प्रदेश की रहने वाली हूं। मैने हिन्दी में एम ए किया है, मुझे किताबे पढ़ना और लिखना बहुत अच्छा लगता है। इसलिए मैं शब्द. इन प्लेटफार्म से जुड़ी हू। आप भी मेरी किताब पढ़े और समीक्षा लिखें। D