मेरे हौंसलों की ख्वाहिशें ले नया कोई मोड़ ले,मंज़िले अभी दूर है , हमें तू रास्तों में रोक ले,एक बार जो निकल गयातेरे हाथ से ये आसमां(गगन)फिर हाथ में न आएगा,एक बार फिर से सोच ले,मंज़िले अभी दूर ह
हर तरफ़ था शोर सा,पर मैं रहा खामोश सा,वो सुन रहे थे अपनो की,तो मैं तो ठहरा गैर सा....सुन्न सा रहा सब सह गया,मैं कुछ हो गया मजबूत सा,वो सुन रहे थे उनकी हीतो मैं भला क्या बोलता....हर तरफ़ था शोर सापर मैं
पकी यादों के बीच कटती है मेरी हर रात, चैन नहीं मिलता और दिल रहता है उदास।
7 मार्च 1854 को झाँसी पर अंग्रेजो का अधिकार हो गया।
वो दसक गुजरे ज़माने हो गयें
यादें भी अब बूढ़ी सी हो गई है
सहारे
क्या आप किसी भी रूप में किताबों से सम्बंधित हैं? मसलन एक लेखक के तौर पर, एक पाठक के तौर पर, एक प्