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संस्मरण

hindi articles, stories and books related to Sansmaran


जब आप किसी के प्रेम में पड़े होते है तब आप उसमे आनंद खोज रहे होते है अगर आपको उससे आनंद की प्राप्ति हुए तो आप उसे खोने दूर जाने से डरते है अगर आप प्रेम में होते हुए आप अपने आप में प्रेम खोजे और अगर आपक

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सावन आते ही कभी धूप तो कभी मूसलाधार बारिश से मौसम बड़ा सुहावना हो गया है। झमाझम बरसते बदरा को देख हरे-भरे पेड़-पौधों के बीच छुपी कोयल की मधुर कूक, आसमान से जमीं तक पहुँचती इन्द्रधनुषी सप्तरंगी छटा,

इन दिनों देश के कई हिस्सों में बारिश कहर बनकर टूट रहा है। अभी दो दिन पहले शनिवार को देर रात हमारे भोपाल में भारी बारिश और बादलों की भयानक डरावनी गड़गड़ाहट के साथ कड़कती बिजली की तीखी आवाज ने नींद हराम कर

आज मौसम में कुछ खामोशी थी। हवा धीरे धीरे चल रही थी ।मौसम थोड़ा सर्द था। मैंने देखा ...तीखी चुभीली हवाओं के एहसास के साथ एक बूढ़ी औरत पथराई सी आंखों से एकटक शून्य को ताकती हुई ,जर्जर काया पर एक झीनी सी

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बरसात के दिन आते ही किचन की खुली खिड़की से रह-रहकर बरसती फुहारें बचपन में बिताए सावन की मीठी-मीठी यादें ताज़ी करा देती है। जब सावन आते ही आँगन में नीम के पेड़ पर झूला पड़ जाता था। मोहल्ले भर के बच्

1 जुलाई 2022     शुक्रवार समय- 05:40 शामडियर डायरी,           संपूर्ण राजस्थान में नेट सुविधाएं अनिश्चित काल के लिए बंद कर दी गई है। उदयपुर में हुई घट

उम्र के इस पड़ाव पर जो देख कर दिल में एक एहसास थाशायद वही मेरा पहला प्यार था।वो मुझे लगता बारिश की फुहार थाजिसे मिलने को करता मन हर बार थाशायद वही मेरा पहला प्यार थाजो कभी न भूल सके ऐसे बिखेरता वो खुशि

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सन 1984-85 की बात है  जून का महीने की सुबह जब सो रहा था मम्मी और घर के   बड़े लोग उठ चुके थे कुछ अभी भी सो रहे थे मेरी चारपाई आँगन के एक कोने में पडी थी मेरी उम्र उस समय लगभग 12, 13 साल होगी मै थोड़

हम एक ही कॉलोनी में रहते थे। चूंकि घर भी पास ही था, वह 10 मिनट में मेरे घर पहुॅंच गई। उसके चेहरे पर चिंता के भाव देखे जा सकते थे। यूँ अचानक रोते हुए फोन करना उसे भी अजीब लगा था। फटाफट जूते उतारकर मेरे

शादी का उत्सव था। वह पांच - छ: साल का बालक अपने पापा मम्मी का हाथ पकड़े, जो पंडाल में घूम कर बैठने की जगह तलाश रहे थे , चारों ओर की   सजावट में आनंदित था। बैठ कर वो सभी जलपान  का आनन्द लेने लगे। थोड़ी स

नववर्ष सा उल्लास हो उस आहट का अहसास हो, प्रकृति का आह्वान हो  अस्तित्व का विकास हो, पृकंपन का प्रवात हो  उर में तुम्हारा वास हो,  सामर्थ्य प्रभाव उदित हो नव उमंग भर तरंगित हो, उषा लालिमा लोचन

   सौरभ स्कूल से लौट रहा था रास्ते में एक कुत्ता का बच्चा अपनी मॉ से बिछुड़ गया था और कूं कूं की आवाज कर खोजने की कोशिश में लगा हुआ था। सौरभ ने कुत्ते के बच्चे को गोद में उठाया और उस पर

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                                            उनका नाम है मीना ........, उम्र 61वर्ष, क

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मेरे  पिताजी का आदर्श सूत्र था हर परिस्थितियों में पारिवारिक और सामाजिक समरसता बनी रहनी चाहिए....!मेरे पिताजी  श्री आचार्य प्रतापादित्य एक गृहस्थ सन्यासी थे।वे धर्म के वैज्ञानिक स्वरूप

सुबह के लगभग 10 बज रहे थे। पापा ऑफिस जा चुके थे। मम्मी पापा का टिफिन बनाने के बाद अब खाने की तैयारी कर रहीं थीं।          ‌‌   मेरे आने पर मम्मी बोलती है "क्या

अजन्मा गर्भस्थ  शिशु था , किलकारियां मारते आया |  बचपन खेलते  - कूदते बीता और जवानी मस्ती में | जवानी जिम्मेदारियां भी लेकर आईं और जीवन यापन के लिए नौकरी करनी पड़ी | ........  लेकिन  इन्हीं जवानी की

एक कबीरा...   मिल गया था मुझे भी भटकी इन राहों पर एक कबीरा.. मस्त कलंदर .. मन .. मस्त कलंदर..... बड़ा ही शांत सा समुद्र था वो अपने अंदर कई तुफान लेकर अक्सर मुस्कुराया ही किया करता था

14 जून 2022   मंगलवार समय 10: 40 रातमेरी प्यारी सहेली,          कल तुमसे मुलाकात नहीं हो पाई। माफी चाहती हूं इस बात के लिए। लेकिन क्या करूं मायके आने का सुख यात

12 जून 2022  रविवार समय 11: 30 मिनट रात मेरी प्यारी सहेली,    कई बार जीवन में अहम की उत्पत्ति होने पर इंसान अपने आसपास देखने की पूरी शक्ति धूमिल कर बैठता है। अपने अलावा शायद उ

आपने पिछले भाग में देखा कि। शिल्पा दरवाजे पर बैठ नितिन के वापस आने का इंतजार करति है। नितिन के वापस आने का इंतजार करते हुए, शिल्पा कि दरवाजे पर ही आँख लग जाती है, सुभा ५ बजे शिल्पा कि जब आँख खुलती है,

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